आज जब पूरा विश्व महिला दिवस मना रहा है, महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की बातें हो रही हैं, वहीं ओडिशा के सुंदरगढ़ ज़िले से समाज को शर्मसार कर देने वाली दो घटनाऐं सामने आई हैं.
एक तरफ मंचों पर महिलाओं के हक की बातें हो रही थीं तो दूसरी तरफ़ दो आदिवासी महिलाओं को अपने ही घर में अपनों के हाथों जान गंवानी पड़ी.
पहली घटना: शक के चलते पति ने की पत्नी की हत्या
पहली घटना सुंदरगढ़ के भवानीपुर स्थित राजामुंडा गांव की है. यहां 40 वर्षीय मंगलू ओराम ने अपनी पत्नी एमेन की हत्या कर दी. एमेन की उम्र 35 वर्ष बताई गई है. पुलिस के अनुसार, मंगलू को अपनी पत्नी पर नाजायज़ संबंध का शक था. इसको लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता था.
गुरुवार रात करीब 10:30 बजे एमेन शौच के लिए घर से बाहर गई थीं. जब वह काफ़ी देर तक घर नहीं लौटीं तो मंगलू उसकी तलाश में निकला.
बताया जा रहा है कि एमेन अपने देवर के ईंट-भट्ठे के पास गई थीं जहां दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया. गुस्से में आकर मंगलू ने पास पड़ी ईंट उठाकर एमेन के सिर पर कई बार वार किया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
घटना का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार सुबह उनकी 16 वर्षीय बेटी अनिता ने अपनी मां की तलाश शुरू की और उसका शव घटनास्थल पर पड़ा पाया.
इससे पहले आरोपी मंगलू घर लौटकर अपनी बेटी से कह चुका था कि उसकी मां अब कभी वापस नहीं आएगी. पिता के ऐसा कहने पर अनिता को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
सुंदरगढ़ सदर के एसडीपीओ निर्मल महापात्रा ने बताया कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. वैज्ञानिक टीम ने घटनास्थल की जांच कर खून से सनी ईंट बरामद की है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
एमेन सुंदरगढ़ नगरपालिका में सफाईकर्मी के रूप में काम करती थीं, जबकि आरोपी मंगलू दिहाड़ी मजदूर था. दंपती के तीन बच्चे हैं — 16 वर्षीय अनिता उनके साथ रहती थी, जबकि 12 और 10 साल के बेटे एक आवासीय सरकारी विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं.
दूसरी घटना: जमीन गिरवी रखने को लेकर झगड़े में पत्नी की हत्या
दूसरी घटना सुंदरगढ़ सदर थाना क्षेत्र की है. इस क्षेत्र में माइकल टोप्पो नामक व्यक्ति ने अपनी 40 वर्षीय पत्नी मोनिका की हत्या कर दी.
पुलिस के अनुसार, माइकल ने हाल ही में अपनी जमीन 7,000 रुपये में गिरवी रख दी थी जिससे मोनिका नाराज थीं.
इसके अलावा मोनिका पिछले दो सप्ताह से काम पर भी नहीं गई थीं जिससे दोनों के बीच विवाद और बढ़ गया था.
गुस्से में आकर माइकल ने अपनी पत्नी पर डंडे से हमला कर दिया, जिससे मोनिका गंभीर रूप से घायल हो गईं. उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया और घर पर ही छोड़ दिया गया जिससे अगले दिन उनकी मौत हो गई.
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इन दोनों घटनाओं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए सिर्फ कानून बनाना ही काफी नहीं है बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति मानसिकता बदलने की भी जरूरत है. महिला दिवस पर हुई इन घटनाओं ने समाज के उस कड़वे सच को उजागर किया है, जहां घरेलू हिंसा जैसी भयावह सच्चाई अब भी कई महिलाओं के जीवन का कड़वा हिस्सा बनी हुई है.
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