केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (CTU) के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करने के लिए बुधवार को एक केंद्रीय दल ने विजयनगरम का दौरा किया.
नई दिल्ली स्थित विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन के नेतृत्व में टीम ने रायपुर राजमार्ग सड़क के साथ गजपतिनगरम और सलूर के बीच 611 एकड़ भूमि की पहचान की.
मीडिया से बात करते हुए सीटीयू के कुलपति प्रोफेसर टीवी कट्टिमणि ने कहा कि टीम ने दो ब्लॉकों में 611 एकड़ जमीन की पहचान की है.
राज्य सरकार से पूर्व सभी मंजूरी और नो ऑब्जेक्शन के साथ सीटीयू के लिए इस जमीन को ब्लॉक करने के लिए कलेक्टर सूर्यकुमारी से मुलाकात की.
टीम ने राज्य के राजस्व विभाग को यह भी सुझाव दिया कि सड़क और रेल संपर्क के अलावा भवनों के निर्माण, पानी की सुविधा के लिए भूमि की जांच करें.
टीम ने राज्य सरकार से भी जल्द से जल्द आधिकारिक रूप से भूमि स्वीकृत करने का अनुरोध किया ताकि वे चरणबद्ध तरीके से भवनों के निर्माण जैसे कामों को शुरू कर सकें.
टीवी कट्टिमणि ने कहा, “हम फिलहाल यहां आंध्र विश्वविद्यालय पीजी केंद्र में आवंटित किराए के भवन में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय चला रहे हैं.
एक बार जब केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अपने भवनों और बुनियादी ढांचे के साथ तैयार हो जाएगा तो हमें यहां से स्थानांतरित कर दिया जाएगा. पिछले साल करीब 180 छात्रों को सीटीयू में भर्ती कराया गया था.”
उधर झारखंड का पहला आदिवासी विश्वविद्यालय जमशेदपुर के पास स्थापित किया जाएगा. यहां भूमि को अंतिम रूप दे दिया गया है और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा.
ये पूर्वी क्षेत्र में अपनी तरह का एक राज्य के स्वामित्व वाला आदिवासी विश्वविद्यालय होगा.
ओडिशा में एक निजी जनजातीय विश्वविद्यालय है. लेकिन ओडिशा, बंगाल, झारखंड या छत्तीसगढ़ में एक राज्य के स्वामित्व वाला विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना बाकी है जहां जनजातीय आबादी महत्वपूर्ण है.
निकटतम राज्य के स्वामित्व वाला आदिवासी विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश में है.