झारखंड के रांची में आज (1 अप्रैल 2025) आदिवासी समुदाय के खास पर्व सरहुल पूजा का आयोजन हुआ.
इसी मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी और जेएमएम विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन के साथ आदिवासी हॉस्टल पहुंचे और पूजा में शामिल हुए.
इस दौरान उन्हें कुछ आदिवासियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा.
विरोध क्यों हुआ?
पूर्व मंत्री गीताश्री ओरांव के नेतृत्व में कुछ आदिवासी संगठनों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. उनका कहना था कि सिरमटोली में बन रहा फ्लाईओवर का रैंप सरना स्थल के लिए ख़तरा है.
यह स्थल आदिवासी समाज के लिए बेहद पवित्र है जहां हर साल हजारों लोग सरहुल पूजा करने आते हैं.
प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि यह रैंप पूरी तरह से हटाया जाए क्योंकि इससे धार्मिक आयोजन प्रभावित हो सकते हैं.
उनका आरोप है कि यह सरना स्थल की पवित्रता पर सीधा हमला है और उनकी आस्था को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
सरना समिति ने बीजेपी पर साधा निशाना
रांची केंद्रीय सरना समिति के नेता अजय तिर्की ने इस प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बताया.
उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी समुदाय के कुछ लोग जानबूझकर विवाद खड़ा कर रहे हैं और इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ है.
उनका कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही इस मामले में हस्तक्षेप कर चुके हैं. रैंप को सरना स्थल से दूर करने का फैसला लिया गया था फिर भी इसे जबरदस्ती मुद्दा बनाया जा रहा है.
सरकार का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार आदिवासी समाज की परंपराओं का सम्मान करती है.
उन्होंने बताया कि फ्लाईओवर के रैंप को छोटा करने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है और प्रशासन इसे हटाने की प्रक्रिया में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि किसी भी धार्मिक स्थल को कोई नुकसान पहुंचे.
सरकार ने 5 दिन पहले ही फ्लाईओवर के रैंप को छोटा करने का आदेश दिया था और प्रशासन ने इसका एक बड़ा हिस्सा तोड़ भी दिया है लेकिन प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इसे पूरी तरह से हटा दिया जाए.
पुलिस कार्रवाई और बढ़ता तनाव
30 मार्च को गीताश्री ओऱांव और उनके समर्थकों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और प्रदर्शन तेज कर दिया. वे फ्लाईओवर को पूरी तरह हटाने की मांग कर रहे थे.
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई.
इस घटना के बाद चुटिया थाना में 21 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जिसमें गीताश्री ओऱांव का नाम भी शामिल है.
प्रशासन का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह ज़रूरी कदम था.
सरकार की ओर से रैंप को छोटा करने का फैसला लिया गया लेकिन आदिवासी संगठन अब भी संतुष्ट नहीं हैं. वे पूरी तरह से फ्लाईओवर का रैंप हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं.
सरहुल पूजा के मौके पर हुए इस विवाद से आदिवासी समाज में गहरी नाराजगी है.