झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने ओडिशा की बीरमित्रपुर सीट से निहार सुरीन (Nihar Surin) को उम्मीदवार बनाया है.
22 अप्रैल को निहार सुरीन सत्ताधारी दल बीजु जनता दल (BJD) की सदस्यता छोड़ फिर से झामुमो में शामिल हुए थे. झामुमो की सदस्यता मिलने के बाद उन्होंने झारखंड के रांची का दौरा किया.
झामुमो पार्टी के संरक्षक और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन (Shibu Soren) ने निहार के उम्मीदवारी को मंजूरी भी दी है.
निहार सुरीन इस सीटे से 2004 से 2009 तक विधायक रहे हैं.
रविवार को झामुमो पार्टी (JMM Party) ने ओडिशा के बीरमित्रपुर विधानसभा सीट से निहार को दावेदार घोषित किया है.
ओडिशा की बीरमित्रपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. ओडिशा का बीरमित्रपुर क्षेत्र झारखंड के सिमडेगा और पश्चिम सिंगभूम ज़िले से अपनी सीमा बांटता हैं.
बीरमित्रपुर का सीमा से सटे रहने के कारण झारखंड सत्ताधारी दल झामुमो का इस सीट पर भी प्रभाव है.
ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ हो रहे हैं. बीरमित्रपुर विधानसभा सीट से झामुमो, कांग्रेस पार्टी के समर्थन से लड़ेगी.
इसके बदले में सुंदरगढ़ सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस के उम्मीदवार जनार्दन देहुरी का समर्थन करेगी.
क्या कहते है 2019 में हुए चुनाव के नतीजे
2019 में विधानसभा चुनाव में बीरमित्रपुर सीट से बीजेपी के शंकर ओराम विजय रहें. इन्होंने 60,937 वोट हासिल किए थे. इन्होंने बीजेडी के मकलू एक्का को हराया था. मकलू एक्का के खाते में 44,586 वोट ही आए.
वहीं झामुमो के उम्मीदवार सेबियन आइंद ने 14,374 वोट जुटाए. जबकि 2014 के चुनाव में 27,849 वोट इनके खाते में दर्ज हुए थे.
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि 2019 में अपने खराब प्रदर्शन के बावजूद भी झामुमो चुनावी रेस से बाहर नहीं हुई है.