झारखंड विधान सभा चुनाव के पहले राउंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) बाज़ी मारती दिखाई दे रही है. ख़ासतौर से कोल्हान क्षेत्र में ऐसा नज़र आ रहा है. यहां पर पार्टी के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
लेकिन ऐसा लगता है कि चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से आदिवासी नाराज़ है. इसलिए जिस फ़ायदे की उम्मीद बीजेपी को थी, वह फ़ायदा उसे नहीं मिल रहा है.
झारखंड के पहले राउंड की मतदान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और बीजेपी (BJP) के बीच सीधा मुकाबला नज़र आ रहा है. इस राउंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए चुनौती बड़ी है. क्योंकि साल 2019 में उसे इस राउंड की ज़्यादातर सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
मसलन कोल्हान क्षेत्र की 14 में से 13 सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके गठबंधन सहयोगियों ने जीती थीं. वहीं बीजेपी को इस इलाके में खाली हाथ ही रहना पड़ा था. इतना ही नहीं साल 2019 में झारखंड में बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास भी जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव हार गए थे.
झारखंड विधान सभा चुनाव 2024 के पहले राउंड में बीजेपी की रणनीति कुछ ख़ास सीटों को टारगेट कर जीतने की है. इस रणनीति के तहत उसने आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर पार्टी के बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया है.
इन रिश्तेदारों में अर्जुन मुंडा और मधु कोड़ा के परिवार से उनकी पत्नियों को टिकट दिया गया है. चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन भी चुनाव लड़ रहे हैं. उधर रघुबर दास के बेटे की पत्नी भी चुनाव मैदान में हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बुधवार को 15 जिलों की 43 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
झारखंड में पहले राउंड के मतदान में 17 सामान्य सीट, 6 अनुसूचित जाति और 20 अनुसूचित जनजाति की सीटों पर कुल 683 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इनमें 609 पुरुष, 73 महिला और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार शामिल हैं.
इस राउंड में 5,344 मतदान केंद्रों पर होने वाले चुनाव में 1,36,85,508 मतदाता वोट डालेंगे. इनमें 68,65,208 पुरुष, 68,20,000 महिला और 301 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं.