झारखंड़ के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव प्रसार के दौरान आदिवासी शासन को लेकर बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने मंगलवार को पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के छोटानागरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड राज्य का गठन आदिवासियों के संघर्ष और बलिदान से हुआ है, और इस राज्य में आदिवासियों का शासन होना ही स्वाभाविक है.
सोरेन ने कहा, “हमने अलग झारखंड राज्य के लिए लड़ाई लड़ी है और हम अपने अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए भी संघर्ष करेंगे. आदिवासी यहां शासन करेंगे क्योंकि झारखंड आदिवासियों का है.”
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी सिर्फ हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटने का काम कर रही है और राज्य में अस्थिरता का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.
हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि भाजपा के नेता राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री यानि हेमंत सोरेन को हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता उनके साथ है और भविष्य में भी ऐसा ही समर्थन मिलता रहेगा.
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि उनकी सरकार आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वे किसी भी हाल में अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेंगे.
विपक्षी दलों की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर सोरेन ने कहा कि विपक्ष केवल झूठी अफवाहें फैला रहा है और राज्य को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है.
हेमंत सोरेन ने भाजपा की आलोचना करते हुए राज्य में हिंदुओं को कोई खतरा न होने का दावा किया.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार झारखंड की जनता के हितों के लिए निरंतर काम कर रही है. सोरेन ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने आदिवासी समाज के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ सीधे तौर पर आदिवासी जनता को मिला है.
इसके अलावा, उन्होंने पिछली जनगणना का उल्लेख करते हुए कहा कि झारखंड की कुल जनसंख्या में लगभग 26.21 प्रतिशत आबादी आदिवासी है, जो इस राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
इस संदर्भ में उन्होंने भाजपा और अन्य विपक्षी दलों से सवाल किया कि क्या वे झारखंड के आदिवासियों के हित में काम करेंगे या केवल सत्ता हासिल करने के लिए चुनावी वादे करेंगे.
इंडिया गठबंधन जहां आदिवासी सीएम की बात करता आया तो पीएम मोदी ने भी झारखंड चुनाव प्रसार के दौरान इशारों-इशारों में राज्य में आदिवासी सीएम बनाने का संकेत दिया था.
पीएम मोदी ने चाईबासा की चुनावी सभा में कहा कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ में BJP की सरकार बनी. दोनों राज्यों की कमान आदिवासी नेताओं को सौंपी गई.
पीएम ने इसके आगे तो कुछ नहीं कहा. लेकिन उनके इस बयान से सियासी हलकों में चर्चा शुरू हो गई कि क्या ओडिशा और छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में भी BJP की सरकार बनने पर किसी आदिवासी नेता को CM की कुर्सी सौंपी जा सकती है.
लेकिन अभी तक बीजेपी ने जीतने के बाद सीएम किसे बनाया जाएगा, इस पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है.
चुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही, झारखंड के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी नेतृत्व का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है.
इस बार के चुनाव में 81 सीटों पर 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी.