HomeIdentity & Lifeक्या आदिवासियों के हित में है वक्फ (संशोधन) अधिनियम?

क्या आदिवासियों के हित में है वक्फ (संशोधन) अधिनियम?

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह कानून न केवल मुस्लिम समुदाय के वंचित वर्गों को लाभान्वित करेगा, बल्कि राज्य में आदिवासी समुदायों की भूमि की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर एक अहम बयान दिया है. इस बयान में मुख्यमंत्री ने इसे दोहरे लाभ वाला कानून बताया है. उनका मानना है कि एक ओर ये कानून मुस्लिम समुदाय के गरीबों को सशक्त करेगा, दूसरी ओर राज्य में आदिवासी समुदाय की ज़मीन की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.

उन्होंने कहा कि यह संशोधन वक्फ बोर्डों की मनमानी को रोकने में मदद करेगा और आदिवासी भूमि पर अनधिकृत कब्ज़े को रोकेगा.

वक्फ बोर्डों की मनमानी पर अंकुश

मुख्यमंत्री ने वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए और कहा कि पहले वक्फ संपत्तियों का फायदा गरीबों तक नहीं पहुंचा.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्डों की संपत्तियों का लाभ गरीबों को नहीं मिला, बल्कि मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली लोगों ने इन संपत्तियों को लीज़ पर लेकर बड़े मॉल और व्यावसाय के लिए इस्तेमाल किया.

इससे अमीर और अमीर होते गए जबकि गरीबों को कोई लाभ नहीं मिला.

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पहल की सराहना की और कहा कि यह निर्णय वक्फ बोर्डों की पारदर्शिता बढ़ाने और गरीबों, महिलाओं और पिछड़े मुस्लिम समुदायों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है.

आदिवासी भूमि की सुरक्षा

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह संशोधन आदिवासी भूमि की सुरक्षा करेगा.

उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड अब आदिवासी क्षेत्रों में ज़मीन पर दावा नहीं कर सकेंगे.

यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि पहले वक्फ बोर्ड और आदिवासी समुदायों के बीच ज़मीन को लेकर विवाद होते रहे हैं और यह मुद्दा अब और अधिक संवेदनशील बन गया है.

आदिवासी भूमि को लेकर पूर्व वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलाम रिजवी ने भी एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के पास हजारों करोड़ की संपत्तियां हैं. इसमें से लगभग 80% पर अवैध कब्जा है.

रिजवी का कहना था कि इन संपत्तियों पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा है और इनका सही रिकॉर्ड भी नहीं है. इससे यह साफ है कि वक्फ संपत्तियों के साथ पारदर्शिता की कमी थी जिससे आदिवासी समुदाय की ज़मीनों को लेकर विवाद खड़े होते रहे.

विश्व हिंदू परिषद की चिंता

द प्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में विश्व हिंदू परिषद ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर चिंता जताई थी.

रिपोर्ट में कहा गया था कि वक्फ अधिनियम का उपयोग कर देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी ज़मीनों पर वक्फ बोर्ड दावा कर रहे थे जो आदिवासी समुदाय के लिए बड़ा मुद्दा बन गया था.

विश्व हिंदू परिषद ने यह भी मांग की थी कि इस कानून में ऐसा बदलाव किया जाए जिससे आदिवासी ज़मीनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उनका शोषण न हो.

विपक्ष पर तीखा प्रहार

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने न तो आदिवासियों की भूमि सुरक्षा सुनिश्चित की, न ही पसमांदा मुस्लिम समुदाय को वास्तविक लाभ पहुंचाया.

उन्होंने कहा, “आज जब मोदी सरकार ने इन वर्गों के लिए ठोस कदम उठाए हैं, तो विपक्ष केवल भ्रम फैलाने का काम कर रहा है.”

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का दावा है कि यह एक समावेशी और सुधारात्मक कदम है जिससे मुस्लिम समुदाय के हाशिए पर खड़े वर्गों के साथ-साथ आदिवासी समुदाय को भी लाभ मिलेगा. लेकिन इसका वास्तविक असर तभी दिखाई देगा जब कानून का सख्ती से पालन हो और पारदर्शिता बनी रहे.

(Image is for representation purpose only)

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