कर्नाटक के कोडगु में स्थित ताटल्ली बस्ती में आदिवासी बिना पानी और बिजली के रहे रहें हैं. यहां रहने वाले आदिवासियों को आए दिन कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
वन अधिकार अधिनियम के तहत आदिवासियों को ज़मीन तो दे दी गई है लेकिन बुनियादी सुविधाएँ पाना उनके लिए एक चुनौती बना हुआ है.
यहां रहने वाले आदिवासियों के पास न पक्के मकान है और न ही पानी और बिजली की कोई सुविधा है. इतना ही नहीं इस बस्ती में शौचालय की भी कोई सुविधा मौजूद नहीं है.
सरकार से कई बार मदद की गुहार लगाने के बाद भी इन्हें कुछ हासिल नहीं हो पाया है. अब इस बस्ती के आदिवासियों ने यह तय किया है कि जब तक उनकी मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं होती, वे सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.
इस बस्ती में बच्चे और बुर्जुग सहित 70 से अधिक परिवार रहते हैं.
इस बस्ती में मालदारे ग्राम पंचायत द्वारा एक अस्थायी जल कनेक्शन लगाया गया था. लेकिन बिजली कनेक्शन न होने की वज़ह से इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
ऐसे में आदिवासियों को पीने का पानी लाने के लिए कई किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है.
इसके अलावा जंगल में कई दशकों से रहने वाले निवासियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि प्रदान करने के लिए आरटीसी दी गई है. गांव में रहने वाले कुछ परिवारों को ही सभी सुविधाएं मिली है.
इसके अलावा बस्ती तक पहुंचने के लिए कोई सड़क तक मौजूद नहीं है. ग्रामीणों ने स्थानीय एमएलए से संपर्क कर उन्हें गाँव की स्थिति के बारे जानकारी दी.
जिसके बाद उन्होंने गांव में स्किम के तहत सुविधा प्रदान करने का आदेश दिया था. लेकिन गाँव की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है.