झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद पार्टी और लोकसभा चुनाव में प्रचार का जिम्मा संभालने वाली कल्पना सोरेन जल्द नई भूमिका में दिख सकती है. लोकसभा चुनाव के दौरान गांडेय सीट से विधायक चुनी गईं कल्पना चंपई सोरेन सरकार का हिस्सा बन सकती हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव से पांच महीने पहले चंरई सरकार में कैबिनेट विस्तार संभव है. क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल की गठबंधन सरकार में जुलाई में दो नए मंत्री शामिल किए जाएंगे.
चंपई सोरेन सरकार में दो मंत्री पद खाली हैं, जिनका इस्तेमाल राजनीतिक संदेश देने के लिए किया जा सकता है.
इकनॉमिक टाइम्स ने JMM सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि कल्पना सोरेन को कैबिनेट में शामिल करके उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रमुख चेहरे के तौर पर पेश किया जा सकता है. हालांकि, कल्पना के करीबी सूत्रों ने अटकलों को खारिज करते हुए कहा है कि वह छह महीने से भी कम समय के लिए सरकार में शामिल नहीं होना चाहेंगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएमएम चंपई की जगह कल्पना को मुख्यमंत्री पद पर बैठाने का जोखिम नहीं लेगी क्योंकि इससे आंतरिक कलह की संभावना है.
झारखंड में मुख्यमंत्री समेत 12 कैबिनेट मंत्री हो सकते हैं. मौजूदा समय में 10 मंत्री (7 जेएमएम, एक आरजेडी और एक कांग्रेस से) हैं. जेएमएम कोटे से मंत्री की मौत की वजह से एक पद खाली हो गया था. इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के हिस्से से जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है तो कल्पना जेएमएम कोटे से मंत्री बन सकती हैं.
जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 47 विधायक हैं. जिसमें जेएमएम के 29, कांग्रेस के 17 और आरजेडी के एक विधायक शामिल हैं.
67 वर्षीय चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को राज्य के 12वें सीएम के रूप में शपथ ली थी.
वहीं कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. पति के जेल जान के बाद कल्पना सोरेन ने राजनीति में एंट्री मारी और लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की स्टार प्रचारक के तौर पर मोर्चा संभालते हुए बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती पेश की.
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद से ही अटकलें लगने लगी थीं कि कल्पना को सीएम बनाया जा सकता है. हालांकि हेमंत सरकार में मंत्री रहे चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी गई.
सूत्रों का दावा है कि परिवार और पार्टी में आंतरिक विरोध की वजह से कल्पना को सीएम पद नहीं सौंपा गया था.
विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक और सबक सिखाएंगे – कल्पना
इस सब के बीच कल्पना मंगलवार को पलामू जिले के हुसैनाबाद टाउन हॉल में आयोजित मिलन समारोह कार्यक्रम में शामिल हुईं.
इस दौरान उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने गरीबों के लिए कार्य योजना बनाकर लाभ पहुंचाने का काम कर रहे थे लेकिन भाजपा ने उन्हें अकारण फंसाने का काम किया है. जिस जमीन की खरीद बिक्री नहीं हो सकती है वैसे मामलों में जेल में डाला गया है. लोकसभा चुनाव से आगाज हुआ है विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ अंजाम तक पहुंचना है. इसके लिए जनता को कमर कस के रहने की जरूरत है.
कल्पना ने कहा, “मेरे पति को झूठे मामले में जेल में डाल दिया गया ताकि उनके नेतृत्व में चल रहे विकास कार्य और कल्याणकारी योजनाओं को रोका जा सके. उनकी अनुपस्थिति में चंपई चाचा सराहनीय तरीके से काम कर रहे हैं.”
कल्पना ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा को करारा जवाब हैं और अब उन्हें (विधानसभा चुनाव में) एक और सबक सिखाने का समय आ गया है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए झामुमो के प्रत्येक सिपाही ने कमर कस ली है. लोगों की समस्याओं को दूर करते हुए, उन्हें योजनाओं से जोड़ते हुए हमें आगे बढ़ते जाना है.
कल्पना का आउटरीच कार्यक्रम ऐसे समय में आया है, जब झारखंड में सभी प्रमुख दल लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद तैयारी के मोड में आ गए हैं.
झामुमो ने 2019 के चुनाव में राज्य विधानसभा की 81 में से 30 सीटें जीती थीं और इस साल वह इंडिया ब्लॉक के तहत चुनाव लड़ने के लिए तैयार है.