HomeInterviewPESA 1996: झारखंड में पेसा पर सरकार की नीयत साफ़ नहीं है

PESA 1996: झारखंड में पेसा पर सरकार की नीयत साफ़ नहीं है

आदिवासी बुद्धिजीवी मंच का कहना है कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूची 6 की तर्ज़ पर स्वायत्त ज़िला परिषदों का गठन होना चाहिए. इस संगठन के नेता विक्टर मालतो का कहना है कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों पर नौकरशाह अपना नियंत्रण ढीला करने को तैयार नहीं है.

झारखंड में पेसा की नियमावली (PESA Rules) पर चल रही बहस में एक प्रमुख संगठन आदिवासी बुद्धिजीवी मंच भी है. इस संगठन का कहना है कि झारखंड में पेसा के नाम पर अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत राज को ही थोपने की साज़िश हो रही है

इस संगठन के प्रमुख विक्टर मालतो इस लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. उनका कहना है कहना है झारखंड में पी पेसा यानि THE PROVISIONS OF THE PANCHAYATS (EXTENSION TO THE SCHEDULED AREAS) ACT 1996 लागू किया जाना चाहिए. लेकिन सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहती है.

विक्टर मालतो इस बात पर ज़ोर देते हैं कि पी पेसा यह कहता है कि अनुसूची 5 के क्षेत्रों में भी अनुसूची 6 की तर्ज़ पर स्वशासी ज़िला परिषदों का गठन होना चाहिए.

मैं भी भारत के संपादक श्याम सुंदर ने विक्टर मालतो से इन सभी मसलों पर विस्तार से बातचीत की है. आप यह बातचीत उपर दिए वीडियो लिंक में देख सकते हैं.

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