The Tribal Kitchen के ताज़ा एपिसोड में झारखंड के गुमला ज़िले के एक छोटे से गाँव में हमें खड़िया समुदाय की भोजन परंपरा को करीब से जानने और अनुभव करने का मौका मिला. इस यात्रा की सबसे खास बात थी मटन और खपड़ा रोटी का स्वाद, जो न केवल अद्वितीय था, बल्कि आदिवासी संस्कृति की सादगी और स्वाद का प्रतीक भी.
पारंपरिक भोजन की तैयारी
खड़िया परिवार के साथ हमने इस व्यंजन को बनते हुए देखा. मटन को धीमी आँच पर पकाने की पारंपरिक विधि अपनाई गई, जिसमें स्थानीय मसालों का उपयोग किया गया। इन मसालों की सुगंध ने न केवल भूख बढ़ाई, बल्कि इस भोजन की विशिष्टता को भी रेखांकित किया.
दूसरी ओर, खपड़ा रोटी चावल के आटे से बनाई गई. इसके लिए चावल को रात भर भीगो कर रखा गया था. फिर चावल को सिल बट्टे से पीसा गया था. रोटी की खासियत यह थी कि इसे बिना किसी तेल के बनाया गया, जिससे इसकी प्राकृतिक मिठास और स्वाद बरकरार रहा.
स्वाद और अनुभव
मटन और खपड़ा रोटी का संयोजन बेहद स्वादिष्ट और संतुलित था. मटन का मसालेदार स्वाद और खपड़ा रोटी की सादगी ने इस व्यंजन को अद्वितीय बना दिया. खाना खाते समय परिवार ने हमें इस व्यंजन की सांस्कृतिक अहमियत और उनकी पारंपरिक पाक-कला के बारे में भी बताया.
यह अनुभव केवल भोजन तक सीमित नहीं था. यह खड़िया परिवार के साथ बैठकर उनके जीवन और परंपराओं को समझने का अवसर था. उनकी सादगी, आत्मीयता और भोजन के प्रति उनका प्यार हमें लंबे समय तक याद रहेगा.