(Tribal Food of Tripura) त्रिपुरा के सबसे प्रिय व्यंजनों में से एक, चाखई या चाखोई (Chakhwi), की उत्पत्ति एक स्थानीय परंपरा के रूप में हुई थी. लेकिन इसकी लोकप्रियता बढ़ गई है. अब यह खाना तिपरासा समुदाय (Tiprasa Community) से आगे पहुंच चुका है. अब इस जनजातीय खाने का आनंद ग़ैर आदिवासी भी ले रहे हैं.
इस बहुमुखी व्यंजन को विभिन्न सब्जियों या मांस के साथ तैयार किया जा सकता है. लेकिन चाखोई को किसी भी तरह से बनाएं, उसमें कुछ चीजें ज़रूरी डाली जाती हैं: चावल का पाउडर, जिसे गाढ़ा करने के लिए आयोंग के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा इसमें एक ख़ास चीज़ डाली जाती है जिसे खार कहा जाता है
खार, सदियों से छह आवश्यक स्वादों में से एक के रूप में क्षारीय स्वाद का यहां के खाने में प्रमुखता को दर्शाता है. परंपरागत रूप से, खार को धूप में सूखे बांस की राख से बनाया जाता है. इस राख को बांस की एक तिकोनी टोकरी में भर कर उसमें पानी डाला जाता है.
उसके बाद यह पानी बूंद बूंद कर एक मिट्टी के बर्तन में जमा हो जाता है. इस पानी को ही खार कहा जाता है. आजकल बेकिंग सोडा को अक्सर सुविधा के लिए आधुनिक विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है.
त्रिपुरा के आदिवासियों की प्रसिद्ध चाखई या चाखोई कैसे बनती है यह आप The Tribal Kitchen के इस ख़ास ऐपिसोड में देख सकते हैं.