आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और आस-पास के नक्सलवाद से प्रभावित इलाक़ों से कम से कम 32 नौजवानों ने स्टाफ़ सेलेक्शन कमीशन (staff selection commission) की परीक्षा पास की है.
प्रशासन ने दावा किया है कि नक्सलवाद से प्रभावित इलाक़ों से कम से कम 484 आदिवासी लड़के-लड़कियों को दूर दराज़ के इलाकों से शहर में ला कर ट्रेनिंग दी गई थी.
प्रशासन के अनुसार आदिवासी नौजवानों को नक्सल प्रभावित इलाक़ों से ला कर पडेरू में रखा गया. यहाँ पर उनकी फ़िज़िकल ट्रेनिंग के साथ साथ स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दिया गया. प्रशासन ने कहा है कि इन नौजवानों को विशाखापत्तनम की ग्रामीण पुलिस ने ट्रेनिंग दी है.
इन 484 नौजवानों को विशाखा ग्रामीण पुलिस ने आईटीडीए और स्थानीय स्किल डेवलपमेंट सेंटर के साथ मिल कर योजना बनाई. प्रशासन ने इस योजना को सपूर्ती नाम दिया था.
इस योजना के तहत नक्सलवाद से प्रभावित इलाक़ों से 1500 नौजवानों ने प्रवेश परीक्षा दी जिसमें से 484 आदिवासी नौजवानों को फ़िज़िकल ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट के लिए चुना गया था.
484 आदिवासी नौजवान जिन्होंने एमएससी की परीक्षा पास की है वो अर्धसैनिक बल में शामिल होंगे. इन नौजवानों को स्थानीय प्रशासन ने नक्सलवाद विरोधी दस्तों के अफ़सरों से भी मिलवाया है.
प्रशासन ने दावा किया है कि उसने इन 32 नौजवानों की ट्रेनिंग के लिए राज्य के अलग अलग हिस्सों से जाने माने ट्रेनर और पढ़ाने वालों को पडेरू में बुलाया था.
प्रशासन ने बताया है कि इन 484 आदिवासी लड़के लड़कियों को फ़्री में रहने और खाने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी.
केन्द्र और राज्य सरकारें नक्सल प्रभावित राज्यों में आमतौर पर इस तरह की योजनाएँ चलाती हैं. इन योजनाओं का मक़सद आमतौर पर स्थानीय लोगों का भरोसा जीतना होता है.