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पश्चिम बंगाल: टट्टी खाने को मजबूर किए जाने के बाद आदिवासी बुज़ुर्ग ने की आत्महत्या

गुरुवार को आदिवासी आदमी और पांच दूसरे लोगों को इंसानी मल का सेवन करने के लिए मजबूर किया गया था. 67 साल के आदिवासी बुज़ुर्ग यह अपमान नहीं सह सके, जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली.

पश्चिम बंगाल में एक आदिवासी बहुल गांव के लोगों द्वारा जादू टोना करने के आरोप में जारी एक फैसले के बाद 67 साल एक आदिवासी आदमी ने आतमहत्या कर ली. गुरुवार को आदिवासी आदमी और पांच दूसरे लोगों को इंसानी मल का सेवन करने के लिए मजबूर किया गया था.

67 साल के आदिवासी बुज़ुर्ग यह अपमान नहीं सह सके, जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली.

पश्चिन बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के मथुरापुर के आदिवासी बहुल गांव में एक बीमार लड़की की मौत के लिए दो बच्चों और एक महिला समेत छह लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया था. बच्ची को एक ओझा के पास ले जाया गया था, जो आलौकिक शक्ति के माध्यम से लोगों का इलाज करता है.

“जब लड़की की मौत हो गई, तो ओझा ने कहा कि वह काले जादू का शिकार हुई है. छह लोगों को लड़की पर जादू टोना करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया,” एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया.

ग्राम प्रधानों ने बुधवार को पंचायत बिठाकर ‘आरोपी’ छह लोगों को तलब किया. अंधविश्वास में डूबे गांव के लोगों ने फ़ैसला किया कि बच्ची की मौत इन छह लोगों द्वारा किए गए काले जादू की वजह से ही हुई थी. बैठक में उनकी सरेआम पिटाई भी की गई.

67 साल के माणिक सरदार के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि वह गांव की अदालत द्वारा दी गई सजा का अपमान नहीं सह सके.

“उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और सुबह उसका शव छत से लटका हुआ पाया गया. उसने खुद को फ़ास दे दी थी. गांववालों द्वारा किए गए अपनाम की वजह से उसने खुद को मार डाला,” परिवार के एक सदस्य ने कहा.

काला जादू करने की आरोपी दो महिलाओं में से एक ने कहा, “बच्ची की मौत के बारे में हमें पता भी नहीं था. हम दूसरों की तरह बस दिहाड़ी मज़दूर हैं. लेकिन हमें डायन करार दिया गया.”

प्रखंड विकास अधिकारी अबी तैयब ने कहा, ”हम जल्द ही ऐसी प्रथाओं और अंधविश्वास के खिलाफ़ जागरुकता अभियान चलाएंगे. हम ग्रामीणों को बीमारी दूर करने के लिए ओझा के पास जाने के बजाय नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जाने के लिए भी कहते रहते हैं.”

पुलिस ने ग्राम प्रधान और एक आदिवासी आदमी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. काला जादू का आरोप लगाने वाला ओझा शुक्रवार की रात तक फ़रार था.

अभी कुछ दिन पहले ही ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले में एक 65 साल के आदिवासी ओझा की जादू-टोने के शक में पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी. मलकानगिरी के कालीमेला ब्लॉक के एक गाँव में यह घटना हुई थी.

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