HomeAdivasi Dailyभगोरिया महोत्सव को मिला राज्य स्तरीय त्योहार का दर्जा

भगोरिया महोत्सव को मिला राज्य स्तरीय त्योहार का दर्जा

'आदिवासी देवलोक महोत्सव' के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भगोरिया महोत्सव को राज्य स्तरीय पर्व धोषित किया. इसके अलावा सरकार ने आदिवासी नर्तकों और संगीतकारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक कलाकार को और आदिवासी देवस्थलों, पूजा स्थलों और ग्राम पंचायतों के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को भगोरिया महोत्सव को राज्य स्तरीय पर्व के रूप में मनाने की घोषणा की. सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस पारंपरिक त्योहार की मौलिकता बनी रहेगी और इसे पूरे सम्मान के साथ मनाया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने ‘आदिवासी देवलोक महोत्सव’ के दौरान कहा कि वे स्वयं भी इन उत्सवों में शामिल होंगे और आने वाले सभी आदिवासी त्योहारों को आधिकारिक मान्यता दी जाएगी.

सरकार ने यह भी कहा कि आदिवासी देवस्थलों के विकास और कोरकू महोत्सव के आयोजन में पूरा सहयोग दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी रीति-रिवाजों, परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आदिवासी संस्कृति और अधिकारों को बढ़ावा देने की पहल

कार्यक्रम के दौरान आदिवासी समाज की एकता और संस्कृति को दर्शाने वाले नारे “जय बड़ा देव” और “जय जोहार” की गूंज के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदाय की भाषा प्रेम को दर्शाती है और उनकी पूजा पद्धति प्रकृति के प्रति सम्मान व्यक्त करती है.

उन्होंने ऐतिहासिक आदिवासी वीरों— तांत्या मामा, रानी दुर्गावती, शहीद रघुनाथ शाह और कुंवर शंकर शाह की बहादुरी को नमन किया और बताया कि ये व्यक्तित्व आदिवासी विरासत के गौरवशाली प्रतीक हैं.

सरकार ने आदिवासी नर्तकों और संगीतकारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक कलाकार को ₹5,000 और आदिवासी देवस्थलों, पूजा स्थलों और ग्राम पंचायतों के लिए ₹3,000 की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की.

कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने मंच पर लाभार्थियों को चेक वितरित किए. इसने आदिवासी कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाया.

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री दुर्गा दास उइके ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की और कहा कि ‘देवलोक महोत्सव’ आदिवासी विरासत को संरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदिवासी समुदायों के विकास के लिए किए गए प्रयासों को भी रेखांकित किया.

आदिवासी कल्याण को मिलेगा बढ़ावा

इस आयोजन में पूरे राज्य से 16,000 से अधिक आदिवासी धार्मिक नेताओं ने भाग लिया. इन धार्मिक नेताओं को ग्राम सभाओं के माध्यम से चुना गया था.

सरकार ने इन नेताओं को सूचना किट वितरित की जिससे वे अपने समुदायों में सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैला सकें.

यह पहल सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों के प्रति भी जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगी.

भगोरिया महोत्सव को राज्य स्तरीय पर्व घोषित करने और विभिन्न योजनाओं के जरिए आदिवासी संस्कृति को सहेजने की इस पहल से समुदाय को एक नई पहचान मिलेगी.

सरकार की यह प्रतिबद्धता आदिवासी समाज के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्थान में मददगार साबित हो सकती है.

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