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मणिपुर हिंसा के लिए CM बीरेन सिंह का माफी मांगना काफी नहीं, पद से इस्तीफा दें : CPI

वामपंथी पार्टी ने बीरेन सिंह सरकार पर पार्टियों को विश्वास में लेने या व्यापक राजनीतिक समाधान खोजने में उन्हें शामिल करने की "कोई इच्छा नहीं" दिखाने का भी आरोप लगाया.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह हाल ही में राज्य में जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगी और नए साल के आगमन पर हालात ठीक होने की उम्मीद जताई. लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष पर सीएम बीरेन सिंह द्वारा मांगी गई माफ़ी पर्याप्त नहीं है और उनके इस्तीफ़े की मांग की.

वामपंथी पार्टी ने एक बयान में आरोप लगाया कि मणिपुर में संकट “शासन की पूर्ण विफलता” को उजागर करता है.

“राज्य सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों की सुरक्षा करने और न्याय सुनिश्चित करने में विफल रही है, जिसके कारण व्यापक पीड़ा और असुरक्षा पैदा हुई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने दावा किया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा व्यक्त की गई माफ़ी संकट की गंभीरता और राज्य सरकार द्वारा राज्य में लोगों के मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने में पूर्ण विफलता की स्वीकृति है.”

वामपंथी पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार “सुलह की दिशा में सार्थक कदम उठाने में विफल रही है.”

बयान में दावा किया गया, “समुदायों के बीच संवाद को बढ़ावा देने या चल रहे संकट से हुए गहरे सामाजिक घावों को भरने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं.”

वामपंथी पार्टी ने बीरेन सिंह सरकार पर पार्टियों को विश्वास में लेने या व्यापक राजनीतिक समाधान खोजने में उन्हें शामिल करने की “कोई इच्छा नहीं” दिखाने का भी आरोप लगाया.

पार्टी ने दावा किया, “माफ़ी पर्याप्त नहीं है, बीरेन सिंह को इस्तीफ़ा देना चाहिए.”

सीपीआई ने आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मणिपुर का दौरा करने और संकट का सीधे समाधान करने से लगातार इनकार करना राज्य के लोगों के प्रति उनकी चिंता की कमी को दर्शाता है. केंद्र सरकार की इस विफलता ने विश्वास को और कम किया है और स्थिति को और खराब किया है.”

बयान में आरोप लगाया गया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि मणिपुर के लोग जवाबदेह और सशक्त शासन के हकदार हैं, जिसमें मुख्यमंत्री “पूरी तरह विफल” रहे.

बयान में दावा किया गया, “प्रशासन में विश्वास बहाल करने और संकट को हल करने के लिए एक नए, जन-केंद्रित दृष्टिकोण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए उनका इस्तीफा जरूरी है.”

सिंह ने मंगलवार को राज्य में जातीय संघर्ष के लिए माफी मांगी थी.

उन्होंने कहा कि पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा. पिछले 3 मई से लेकर आज तक जो हो रहा है उसके लिए मुझे अफसोस है और राज्य के लोगों से मैं माफी मांगना चाहता हूं.

साथ ही उन्होंने सभी समुदायों से पिछली गलतियों को भूलने और माफ़ करने और नए सिरे से शुरुआत करने की अपील की थी.

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