ओडिशा (Odisha) में विपक्षी बीजद ने मंगलवार को राउरकेला में प्रशासन द्वारा हाल ही में चलाए गए बेदखली अभियान के दौरान एक आदिवासी शख्स की मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes) से हस्तक्षेप की मांग की.
सुन्दरगढ़ जिले के बरकानी गांव के 35 वर्षीय आदिवासी प्रदर्शनकारी एत्तुआ एक्का (Ettua Ekka) की कथित तौर पर राउरकेला स्टील प्लांट तक रेलवे लाइन के निर्माण में लगे जीसीबी (Excavator) के नीचे आने से मौत हो गई.
मृतक उन ग्रामीणों में से था जो रेलवे लाइन निर्माण के लिए अपनी बेदखली का विरोध कर रहे थे.
प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव में 16 पुलिसकर्मियों सहित 19 लोग घायल हो गए.
बीजद प्रतिनिधिमंडल ने भुवनेश्वर में अपने क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से एनसीएसटी को एक ज्ञापन सौंपा और एक्का की मौत में हस्तक्षेप करने की मांग की.
ज्ञापन में आदिवासी अधिकारों के गंभीर उल्लंघन और 20 अप्रैल को एक्का की मौत का कारण बनी चिंताजनक प्रशासनिक उदासीनता पर प्रकाश डाला गया.
बीजद के ज्ञापन में कहा गया है, “सामुदायिक भूमि पर अतिक्रमण को रोकने की कोशिश करते समय पुलिस, कानून प्रवर्तन और आरएसपी अधिकारियों की मौजूदगी में एक्का को एक उत्खननकर्ता ने कुचल दिया. इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक, गुस्से और डर को जन्म दिया है. साथ ही पुलिस के आचरण, बल के दुरुपयोग और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अपराधीकरण के बारे में गंभीर चिंताएं जताई गई हैं.”
क्षेत्रीय पार्टी बीजद ने एनसीएसटी से एक्का की मौत और स्थानीय अधिकारियों की भूमिका की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने का निर्देश देने का आग्रह किया.
साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों और आरएसपी कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, आदिवासी भूमि अधिकारों की सुरक्षा और पिछले अधिग्रहणों की समीक्षा करने, आदिवासी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने और प्रशासन और आदिवासी समुदायों के बीच बातचीत और मध्यस्थता की एक संरचित प्रक्रिया की मांग की.
ज्ञापन में कहा गया है, “यह महज कानून और व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि यह आदिवासियों के सम्मान, न्याय और संवैधानिक संरक्षण का मामला है.”
ज्ञापन में आयोग से जवाबदेही सुनिश्चित करने और भविष्य में आम आदमी और विशेष रूप से आदिवासियों के प्रति इस तरह के राज्य प्रायोजित अन्याय को रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है.
ओडिशा कांग्रेस ने की मुआवजे की मांग
वहीं रविवार को ओडिशा कांग्रेस ने मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा देने की मांग की थी.
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (OPCC) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा कि मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि दी जानी चाहिए और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जानी चाहिए.
सरकार पर एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए रेल लाइन परियोजना को सुविधाजनक बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि काम को आगे बढ़ाने से पहले स्थानीय आदिवासी समुदाय की शिकायतों को सुना जाना चाहिए और उन पर विचार किया जाना चाहिए.
इस घटना ने बांधमुंडा-बिसरा इलाके में तनाव बढ़ा दिया है, जहां आदिवासी निवासी पिछले कई महीनों से इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं और अपनी जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं.