आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण (Pawan Kalyan) ने कहा है कि NDA सरकार आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. इसके तहत अंदरूनी गांवों तक सड़कें बनाई जा रही हैं. इससे गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को ‘डोली’ में ले जाने की परेशानी से बचाया जा सकेगा.
सोमवार को अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले के डुमरीगुड़ा मंडल के पेडापाडु गांव में उपमुख्यमंत्री ने बीटी सड़क निर्माण की आधारशिला रखी. इस सड़क पर लगभग 2.12 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए पवन कल्याण ने कहा कि सड़कों की कमी के कारण बीमार लोगों को ‘डोलियों’ में ले जाने की परेशानी देखकर उन्हें दुख हुआ.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘PM ग्राम सड़क योजना’ शुरू की थी. इससे प्रेरणा लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से संपर्क किया. मुख्यमंत्री ने तुरंत सहमति दे दी और केंद्रीय फंड जारी होने से पहले ही आदिवासी गांवों में सड़कों के निर्माण के लिए 49 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए.
उन्होंने कहा, “जब मैंने 2018 में इस क्षेत्र का दौरा किया था, तो सड़कों की स्थिति ने मुझे बहुत प्रभावित किया था. तीन महीने पहले, मैंने विकास की योजना के साथ वापस आने का वादा किया था और आज, मैं आदिवासी क्षेत्रों में सड़क संपर्क के लिए स्वीकृत 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के साथ यहाँ हूँ.”
उन्होंने कहा कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने आदिवासी विकास पर पाँच वर्षों में केवल 92 करोड़ रुपये खर्च किए थे. जबकि गठबंधन सरकार ने एक वर्ष के भीतर 1,005 करोड़ रुपये मंजूर किए थे.
“अडवी थाल्ली बाटा” कार्यक्रम का शुभारंभ
पवन कल्याण ने कहा कि ” अडवी थाल्ली बाटा” कार्यक्रम का उद्देश्य दूरदराज के आदिवासी गांवों को उचित सड़कों से जोड़ना है ताकि डोलियों पर निर्भरता खत्म हो और स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा तक पहुँच में सुधार हो.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत सड़कें, नालियां, स्कूल, पेयजल, स्वास्थ्य केंद्र और आंगनवाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे. इन विकास कार्यों से आदिवासी क्षेत्रों की तस्वीर बदल जाएगी.
इस योजना में कई एजेंसी क्षेत्रों में 558 सड़कों का निर्माण शामिल है और पहले चरण का काम एक सप्ताह के भीतर शुरू होने वाला है.
कथित वित्तीय कुप्रबंधन के लिए YSRCP सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “जब धन उपलब्ध था, तब भी पिछली सरकार उसका उचित उपयोग करने में विफल रही थी. इसके विपरीत, हमारे मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने आदिवासी क्षेत्र की सड़कों के लिए उनसे संपर्क करने पर 24 घंटे के भीतर 49 करोड़ रुपये मंजूर किए.”
वहीं युवाओं से गांजा की खेती से दूर रहने का आग्रह करते हुए, पवन कल्याण ने उन्हें अराकू में पर्यटन के अवसरों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने कहा, “हम इसे खत्म करने और स्वस्थ आजीविका को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ हैं.”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही आदिवासी लोगों ने चुनावों में एनडीए उम्मीदवारों को वोट नहीं दिया था लेकिन एनडीए सरकार आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने आदिवासियों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि अगले चुनावों तक आदिवासी क्षेत्रों में NDA का झंडा लहराए.
उन्होंने आगे कहा कि स्थायी विकास लाने के लिए एनडीए को कम से कम 15 साल तक राज्य में सत्ता में रहना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने मनरेगा योजना के तहत सहायता के साथ कॉफी बागानों का विस्तार करने की योजना के बारे में बताया.
उन्होंने कहा, “2.25 लाख एकड़ भूमि पर पहले से ही कॉफी की खेती हो रही है, हमारा लक्ष्य इसे एक लाख एकड़ और बढ़ाने का है, जिससे स्थानीय लोगों को अधिक रोजगार मिलेगा.”
वहीं आदवासी कल्याण मंत्री जी संध्या रानी ने कहा कि पवन कल्याण ने महीने में एक बार एजेंसी क्षेत्रों का दौरा करने का वादा किया था और उन्होंने अपना वादा निभाया है. उन्होंने आदिवासी कल्याण के लिए अधिकारियों से वन अनुमति के मुद्दे में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए कहा.