त्रिपुरा के उत्तरी ज़िले के कंचनपुर इलाके में पीने के पानी की मांग को लेकर करीब 200 आदिवासी महिलाओं ने सोमवार को नेशनल हाईवे-44 पर माणु मणपुई चौमुहानी के पास सड़क जाम कर प्रदर्शन किया.
यह विरोध सुबह 6 बजे शुरू हुआ और दोपहर 1 बजे तक चला. इस विरोध के कारण हाईवे पर आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई और कई वाहन रास्ते में फंस गए.
ये महिलाएं माणु मणपुई, लंगिया छा, मित्रा जॉय पारा और उरी हमपारा जैसे दूरदराज के गांवों से थीं.
इनमें नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर्स फोर्स (ATTF) से जुड़े परिवारों की महिलाएं भी शामिल थीं.
इन महिलाओं का कहना था कि पिछले तीन महीनों से इलाके में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है और लोग गंदे स्रोतों से पानी पीने को मजबूर हैं.
एक महिला ने बताया, “हमने कई बार प्रशासन और जल एवं स्वच्छता विभाग (DWS) को शिकायत दी लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी. हमारे बच्चे गंदा पानी पीकर बीमार हो रहे हैं. आखिर कब तक हम यूं ही परेशान रहेंगे?”
जब तक यह विरोध आम जनजीवन को बाधित नहीं करने लगा तब तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया.
करीब सात घंटे के विरोध के बाद जल विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और महिलाओं से बातचीत की.
अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जब तक पानी की नियमित व्यवस्था नहीं होती तब तक हर दिन टैंकर के माध्यम से गांवों में पीने का पानी पहुंचाया जाएगा.
इससे पहले कंचनपुर डाक बंगले में एक समीक्षा बैठक भी हुई थी जिसमें उप-मंडल अधिकारी की अध्यक्षता में जल विभाग समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे.
उस बैठक में भी आदिवासी इलाकों में पानी की जरूरत पर चर्चा हुई थी. जानकारी के अनुसार जल विभाग के अधिकारी, विशेष रूप से एसडीओ साजेश देबबर्मा कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए.
आखिरकार जल विभाग के आश्वासन के बाद महिलाओं ने रास्ता खोला. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर वादा पूरा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
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