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आदिवासी निगम घोटाला: ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र को हिरासत में लिया

ईडी ने पिछले दो दिनों में कर्नाटक के पूर्व मंत्री नागेंद्र और सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल के परिसर सहित कई स्थानों पर तलाशी ली है.

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र को हिरासत में ले लिया है.

मामले से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस नेता को पूछताछ के लिए उनके आवास से ईडी दफ्तर लाया गया है.

बी नागेंद्र के पास अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्रालय का जिम्मा था. आरोप लगने के बाद उन्होंने 6 जून को इस्तीफा दे दिया था.

ईडी कार्यालय ले जाए जाते समय नागेंद्र ने मीडिया से कहा, “मुझे मेरे घर से लाया जा रहा है…मुझे कुछ भी नहीं पता.”

ईडी ने पिछले दो दिनों में कर्नाटक के पूर्व मंत्री नागेंद्र और सत्तारूढ़ कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल के परिसर सहित कई स्थानों पर तलाशी ली है.

सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज मामले में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में करीब 20 स्थानों पर छापेमारी की.

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में धन का अवैध हस्तांतरण का मामला तब सामने आया था जब इसके लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी.

घटनास्थल से पी. द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. जिसमें उन्होंने दावा किया था कि निगम के बैंक खाते से उसके 187 करोड़ रुपए का अनाधिकृत हस्तांतरण किया गया है. उसमें से 88.62 करोड़ रुपए अवैध रूप से विभिन्न खातों में भेजे गए। ये बैंक खाते कथित रूप से प्रसिद्ध आईटी कंपनियों और हैदराबाद में स्थित एक सहकारी बैंक के हैं.

चंद्रशेखरन ने सुसाइड नोट में निगम के निलंबित किए गए प्रबंध निदेशक जे जी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी दुरुगनवर और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम शामिल किया था. उन्होंने यह भी दावा किया था कि कि पूर्व मंत्री बी नागेंद्र ने धन हस्तांतरित करने के लिए मौखिक आदेश जारी किए थे.

राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (CID) में आर्थिक अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है.

एसआईटी ने मंगलवार को इस मामले की जांच के सिलसिले में नागेंद्र और दद्दल से पूछताछ की थी.

वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता बी श्रीरामुलु ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटालेबाजों ने सरकारी और बैंक अधिकारियों को फंसाकर पैसे की हेराफेरी की गई.

पूर्व मंत्री ने दावा किया कि आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए रखे गए पैसे से महंगी लग्जरी कारें खरीदी गईं. उन्होंने आगे दावा किया कि इस पैसे को लूटा गया और लोकसभा चुनाव सहित विभिन्न चुनावों में इस्तेमाल किया गया.

ऐसे में जाहिर है कि कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहने वाला है क्योंकि भाजपा कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताने के लिए विधान सौध का घेराव करने की योजना बना रही है.

राज्य भाजपा महासचिव सुनील कुमार ने कहा कि यह घोटालों की सरकार है – MUDA घोटाला, वाल्मीकि निगम घोटाला, SCSP TSP घोटाला, श्रम विभाग घोटाला, इस सरकार के नाम घोटालों की एक सीरीज है. यह विकास शून्य सरकार है.

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