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तमिलनाडु के दस आदिवासी छात्रों को NIT समेत इन टॉप इंस्टीट्यूट में मिला दाखिला

आदिवासी कल्याण विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए पहल कर रहे हैं कि कई आदिवासी छात्र ‘नान मुधलवन’ योजना के तहत प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में शामिल हों.

तमिलनाडु आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के छह आदिवासी छात्रों और निजी संस्थानों के चार छात्रों ने इस साल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचि (NIT-T), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) जैसे प्रमुख संस्थानों में प्रवेश प्राप्त किया है.

ज्वाइंट सीट एलोकेशन (JSF) काउंसलिंग के छह दौर में से सिर्फ तीन ही पूरे हुए हैं लेकिन तिरुचि जिले के पांच आदिवासी छात्र – एक सरकारी स्कूल से और चार अन्य निजी संस्थानों से, पहले ही एनआईटी-टी में सीटें हासिल कर चुके हैं. इनमें चार लड़कियां शामिल हैं.

इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने कहा कि यह पहली बार है कि तिरुचि के आदिवासी समुदायों के इतने सारे छात्र काउंसलिंग के पहले तीन दौर के दौरान इंस्टीट्यूट में दाखिल हुए हैं.

इन छात्रों में से एक चिन्ना इल्लुपुर के पचमलाई हिल्स में सरकारी आदिवासी आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा एम रोहिणी (18) भी हैं. जेईई मेन्स परीक्षा में 73.8 प्रतिशत अंक हासिल करके, रोहिणी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में 6,910वां स्थान मिला. उन्हें केमिकल इंजीनियरिंग विभाग में सीट मिली है.

मलयाली आदिवासी समुदाय से आने वाली रोहिणी के माता-पिता केरल में खेतों में दिहाड़ी मजदूर हैं. वह अपने बड़े भाई और उसकी पत्नी के साथ रहती है जो चिन्ना इल्लुपुर में खेतिहर मजदूर के रूप में काम करते हैं. रोहिणी अपने परिवार में प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने वाली पहली महिला हैं.

रोहिणी ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा, “स्पेशल क्लास के अलावा पिछले साल के प्रश्नपत्रों के आधार पर लगातार परीक्षाएं आयोजित की गई थी. जिसकी वजह से मैं जेईई मेन्स परीक्षा अच्छी तरह से लिखने में सक्षम थी लेकिन एडवांस परीक्षा काफी मुश्किल थी. हालांकि, मुझे खुशी है कि मुझे एक प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश मिला और मुझे उम्मीद है कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगी.”

NIT-T में प्रवेश पाने वाले तिरुचि के अन्य आदिवासी छात्र हैं कैलासपुरम की के. कविनी (बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर) जिनकी रैंक 302 है; मुथारासनल्लूर की पी.एन. रितिका (कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग) जिनकी रैंक 2,538 है; पूलंगुडी की जी. धिया प्रीथा (प्रोडक्शन इंजीनियरिंग) जिनकी रैंक 7,106 है और कैलासपुरम के धनुष राजकुमार बंगारू (प्रोडक्शन इंजीनियरिंग) जिनकी रैंक 8,872 है.

वहीं नीलगिरी के एम. पलाडा में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के ए. अजय को तिरुचि में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला है.

जबकि तिरुवन्नामलाई जिले के पुलियामपट्टी में EMRS की के. मीना और एस. दुर्गा NIFT में बैचलर ऑफ डिजाइन कोर्स करेंगी.

कल्लाकुरिची जिले के मनियारपलायम में सरकारी आदिवासी आवासीय विद्यालय के ई पलानियामल और के थावमणि ने इसी संस्थान में बैचलर ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी कार्यक्रम में प्रवेश लिया है. ये सभी पांच छात्र मलयाली आदिवासी समुदाय से हैं.

आदिवासी कल्याण विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए पहल कर रहे हैं कि कई आदिवासी छात्र ‘नान मुधलवन योजना’ के तहत प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में शामिल हों. सरकार इन संस्थानों में शामिल होने वाले सरकारी स्कूलों के छात्रों की पूरी फीस का भुगतान करेगी. हमें उम्मीद है कि इस साल कम से कम तीन और छात्र केंद्रीय संस्थानों में दाखिला लेंगे.

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