HomeAdivasi Dailyमणिपुर में भय और अनिश्चितता का माहौल है: गौरव गोगोई

मणिपुर में भय और अनिश्चितता का माहौल है: गौरव गोगोई

गोगोई ने संसद में मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वहां की जनता के तीन सवाल हैं. पीएम मणिपुर कब जाएंगे. दूसरा मणिपुर में शांति के लिए सदन कब कोई पहल करेगा और तीसरा मणिपुर मुद्दे पर शील्ड के रूप में सरकार कब तक सोरोस मुद्दे का इस्तेमाल करेगी.

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बुधवार को कहा कि मणिपुर गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है और उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से इस मुद्दे पर संसद में बयान देने की मांग की.

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए गोगोई ने संसद में जॉर्ज सोरोस का मुद्दा उठाने के लिए भाजपा की आलोचना की और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी “मणिपुर में अपनी विफलताओं को छिपाने” के लिए ऐसा कर रही है.

कांग्रेस नेता ने कहा, “पूरा राज्य मानवीय संकट में है और समाधान खोजने के बजाय सरकार अर्धसैनिक बलों को भेज रही है और AFSPA लागू कर रही है. यह हिंसा के चक्र को संबोधित नहीं कर रहा है.”

उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से संसद में तत्काल बयान जारी करने के लिए कहा ताकि क्षेत्र में शांति लाने के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा तैयार की जा सके.

उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य का दौरा कब करेंगे और गृह मंत्री राज्य में स्थिति को हल करने के लिए जरूरी कदमों से सदन को कब अवगत कराएंगे.

गोगोई ने कहा, “मणिपुर में अपनी विफलता को छिपाने के लिए यह सरकार जॉर्ज सोरोस को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.”

कांग्रेस नेता ने मणिपुर में बढ़ती अराजकता की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जबरन वसूली बढ़ गई है, अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और बुनियादी सार्वजनिक सेवाएं खत्म होने के कगार पर हैं.

उन्होंने आगे कहा, “राज्य में हथियारों, ड्रग्स और लकड़ी के अवैध व्यापार में वृद्धि हुई है. आम लोगों के जीवन पर इसका असर विनाशकारी रहा है, वो इसका खामियाजा भुगत रहे हैं.”

उन्होंने आगे बताया कि संघर्ष ने शिक्षा को बाधित कर दिया है. स्कूल और कॉलेज बंद हो गए हैं, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य ख़तरे में पड़ गया है.

स्वास्थ्य सुविधाएँ क्षतिग्रस्त हो गई हैं या नष्ट हो गई हैं. जिससे पहले से ही गंभीर स्थिति और खराब हो गई है.

गोगोई ने कहा, “अब मणिपुर के हर कोने में भय और अनिश्चितता व्याप्त है.”

गौरव गोगोई के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोरोस मुद्दा उठाया. गोयल ने कांग्रेस पर सोरोस से फंड लेने का आरोप लगाया.

पीयूष गोयल के बयान पर हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है.

जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है, मणिपुर के संकट पर राजनीतिक लड़ाई जारी रहती है, जिसमें सरकार से क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की मांग की जाती है.

मणिपुर के हालात

मणिपुर के कुकी-ज़ो समुदाय के सात विधायकों ने मंगलवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ जान-माल की हानि को रोकने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाने के लिए मौन विरोध किया और अपने समुदाय के लिए एक अलग प्रशासन की मांग दोहराई.

इन सात विधायकों में से पांच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हैं. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के खिलाफ कुल 10 कुकी-जो विधायकों ने विद्रोह कर दिया है, जिनमें उनके मंत्रिमंडल के दो मंत्री भी शामिल हैं.

हालांकि, उनमें से तीन विधायक विरोध प्रदर्शन के लिए नई दिल्ली नहीं आ सके.

मंगलवार को विधायकों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘हम मणिपुर में सताए गए अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले दस विधायक, आज जंतर-मंतर पर मौन धरना दे रहे हैं, ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि सरकार उन लोगों की आवाज सुनने से इनकार कर रही है, जिनका हम प्रतिनिधित्व करते हैं.’

विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें हिंसाग्रस्त राज्य के लिए उनकी मांगें सूचीबद्ध की गईं, जिनमें शांति बहाल करने के लिए राजनीतिक वार्ता में तेजी लाना, पहाड़ी क्षेत्रों के विकास के लिए धन की मांग, जहां कुकी-जो जनजातियां रहती हैं, मुख्यमंत्री के माध्यम से नहीं बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से करना शामिल है.

वहीं राज्य की राजनधानी इंफाल में मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने फिर अफस्पा लगाने और पिछले महीने संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम जिले में तीन बच्चों समेत 6 लोगों की हत्या के विरोध में रैली निकाली.

मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के मुद्दे पर पनपा तनाव 3 मई को तब हिंसा में तब्दील हो गया, जब इसके विरोध में राज्य भर में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाले गए थे.

इस हिंसा में अब तक कम से कम 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 50 हज़ार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं.

(Image credit : PTI)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments