HomeAdivasi Dailyजनजातीय विकास को लेकर हिमाचल सरकार की पहल

जनजातीय विकास को लेकर हिमाचल सरकार की पहल

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को 49वीं जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में मुख्य रूप से राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की समस्याओं और विकास योजनाओं पर चर्चा की गई.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को 49वीं जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता की.

इस बैठक में मुख्य रूप से राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की समस्याओं और विकास योजनाओं पर चर्चा की गई.

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों की जरूरतों को समझते हुए उनके लिए ठोस नीतियां बनाना था.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट

मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए कुल 890.28 करोड़ रुपये का बजट तय किया है. इसके अतिरिक्त 1,145.46 करोड़ रुपये उन खर्चों के लिए लिए आवंटित किए गए हैं, जिनकी योजना नहीं बनाई गई है.

इस बजट में सड़कों, पुलों और भवन निर्माण के लिए 117.43 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 37.45 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 52.75 करोड़ रुपये और पेयजल योजनाओं के लिए 75.75 करोड़ रुपये तय किए गए हैं.

जनजातीय इलाकों में पर्यटन पर ज़ोर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बौद्ध पर्यटन सर्किट और हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे. इससे न केवल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय जनजातीय लोगों के लिए रोज़गार और स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

जनजातीय क्षेत्रों के लिए नई योजनाएं

इस बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि सरकार नौतोड भूमि को जनजातीय निवासियों का अधिकार मानती है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि आदिवासियों को नौतोड़ भूमि देना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है और इसे राज्यपाल के पास भेज दिया गया है. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि राज्यपाल भी जल्द ही इसे मंज़ूरी दे देंगे.

उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अब जनजातीय लोग बैंकों से आसानी से ऋण ले सकते हैं क्योंकि हिमाचल प्रदेश भूमि हस्तांतरण अधिनियम, 1968 में संशोधन को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है.

शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने बताया कि पांगी और कुकुमसेरी में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और आदर्श विद्यालय की नींव रखी गई है ताकि उन्हें पढाई के लिए दूर न जाना पड़े और जनजातीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उनके नजदीक ही मिल सके. उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों के निर्माण में तेज़ी लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि वे जल्द ही चम्बा के किलाड़ में मिनी सचिवालय, डिग्री कॉलेज तथा भरमौर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन के साथ कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.

पिछली सरकार पर तंज

इस बैठक के दौरान जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह ने पिछली सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पिछली सरकार के पांच सालों में जनजातीय सलाहकार परिषद की केवल एक बैठक हुई थी जबकि कांग्रेस सरकार ने दो वर्षों में दो बैठकें आयोजित की हैं.

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