मणिपुर के सांसद बिमोल अकोइजाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कुकी उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाए गए दो मैतई युवकों को सलामत वापस लाने की अपील की है.
दरअसल, ओइनम थोइथोई सिंह और थोकचोम थोइथोइबा मैतई नाम के दो लोगों को कुकी समूहों ने 27 सितंबर को अगवा कर लिया था और तब से उन्हें कांगपोकपी ज़िले में बंदी बनाकर रखा गया है.
अपहरणकर्ताओं ने एनआईए द्वारा 2022 में गिरफ्तार किए गए मार्क टी हाओकिप की रिहाई और इंफाल की साजिवा जेल में बंद कुकी कैदियों को चुराचंदपुर भेजने की मांग की है. जिसके बाद ये संदेह है कि ये अपहरण कुकी उग्रवादियों द्वारा ही किया गया है.
इसी संबंध में मणिपुर के कांग्रेस सांसद बिमोल अकोइजाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है.
इनर मणिपुर से सांसद अकोइजाम ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि यह मणिपुर की सुरक्षा और शांति के लिए एक गंभीर चुनौती है और उन्होंने गृह मंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है.
उन्होंने कहा कि नागरिकों को बंधक बनाकर सरकार पर कैदियों की रिहाई के लिए दबाव बनाना न केवल अस्वीकार्य है बल्कि इसे आतंकवाद का एक रूप माना जाना चाहिए.
अकोइजाम ने इस मामले को लेकर राज्य के प्रमुख राजनीतिक नेताओं से भी बातचीत की है. सांसद अकोइजाम ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री ओ. इबोबी सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बातचीत की है.
उनका मानना है कि राज्य के सभी नेताओं को एकजुट होकर इस संकट का समाधान ढूंढना चाहिए. अकोइजाम ने कुकी समूहों से बातचीत करके इस समस्या का हल निकालने का सुझाव दिया और इसके लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने की बात कही.
सांसद अकोइजाम ने इस बात पर जोर दिया कि उग्रवादियों की मांगों पर विचार करते हुए बातचीत की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है लेकिन बंधकों की रिहाई सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इससे न केवल बंधक युवकों की जान दाव पर लगी है बल्कि राज्य में और अधिक अस्थिरता का खतरा भी बना हुआ है.
सांसद अकोइजाम ने चेताते हुए यह भी कहा कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और बिगड़ सकती है.
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि वे जल्द से जल्द हस्तक्षेप करें और कुकी उग्रवादियों से बातचीत करके बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करें.
अकोइजाम का मानना है कि कुकी समूहों से बातचीत करना और उन्हें बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार करना इस संकट का सबसे प्रभावी समाधान हो सकता है.
उन्होंने कहा कि इस चुनौती का सामना करने के लिए जनता और नेताओं को एक साथ आकर हिंसा के इस चक्र को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.
मणिपुर के सांसद द्वारा पत्र लिखकर प्रकट की गई चिंता जायज़ है क्योंकि डीजीपी राजीव सिंह के नेतृत्व में मणिपुर पुलिस टीम और कुकी नागरिक समाज संगठनों के बीच कैदियों की रिहाई को लेकर बुधवार को हुई बातचीत भी असफल रही है.