HomeAdivasi Dailyकाट्टु नायकन समुदाय को आख़िरकार मिले अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र

काट्टु नायकन समुदाय को आख़िरकार मिले अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र

मदुरै ज़िले के विभाजन के बाद डिंडीगुल ज़िले में इस समुदाय के की परिवारों को जनजाति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा था. इस वजह से इस समुदाय के लोगों को आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था.

तमिल नाडु के डिंडीगुल में लंबे संघर्ष के बाद काट्टु नायकन (Kaatu Nayakan) समुदाय के कुछ लोगों को जनजाति प्रमाण पत्र हासिल करने में कामयाबी मिली है.

मदुरै ज़िले के विभाजन के बाद डिंडीगुल ज़िले में इस समुदाय के की परिवारों को जनजाति प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा था. इस वजह से इस समुदाय के लोगों को आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था.

ख़ासतौर से समुदाय के बच्चों को स्कूल में दाखिले और दूसरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं. इस समुदाय के लोगों ने लंबे समय तक अलग अलग स्तर पर प्रयास के बाद यह कामयाबी पाई है.

इस प्रयास में सीपीएम और ट्राइबल पीप्लस एसोसिएशन ने भी आदिवासी समुदाय के लोगों की मदद की. इस सिलसिले में एसोसिएशन के अध्यक्ष दिल्ली बाबू ने राज्य के मानवाधिकार आयोग को भी ज्ञापन दिया था.

सीपीएम के स्थानीय नेताओं का कहना है कि ज़िला प्रशासन लगातार इस समुदाय के लोगों के मामले टाल रहा था. इन नेताओं का कहना है कि कट्टु नायकन समुदाय के लोगों से अर्ज़ी लेने के बाद प्रशासन लगातार उन्हे सर्टिफ़िकेट देने में आनाकानी कर रहा था.

लेकिन आख़िर शनिवार को 29 लोगों को जनजाति प्रमाण पत्र हासिल हुआ.

उधर प्रशासन ने कहा है कि कट्टु नायकन समुदाय के 100 लोगों ने जनजाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. इनमें से अभी तक 54 लोगों को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र दे दिया गया है.

इसके अलावा मलाई वेडन समुदाय के भी कम से कम 108 लोगों ने अनुसूचित जनजाति सर्टिफ़िकेट के लिए आवेदन दिया है. इन लोगों को भी अभी तक सर्टिफ़िकेट नहीं मिल पाया है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments