प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को करोड़ों रुपये के आदिवासी निगम घोटाले के सिलसिले में पूर्व कांग्रेस मंत्री बी नागेंद्र (B Nagendra) और कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (KMVSTDC) के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल (Basanagouda Daddal) के आवासों और कार्यालयों पर बेंगलुरु और बेल्लारी में छापेमारी की.
26 मई को निगम के एक अधिकारी की आत्महत्या के बाद निगम में हाल ही में हुई अनियमितताओं के मद्देनजर बेल्लारी और बेंगालुरू में छापेमारी की गई.
इस मामलों में अबतक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी कथित गबन से संबंधित एक मामला दर्ज किया है, जहां निगम के अधिकारियों ने कथित तौर पर जाली हस्ताक्षर किए और अवैध रूप से 94 करोड़ 73 लाख 8 हज़ार 500 रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए.
मंगलवार को नागेंद्र, जिन्हें घोटाले के बाद आदिवासी कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था और दद्दाल केएमवीएसटीडीसी की अनियमितताओं की जांच के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) के समक्ष पेश हुए थे.
यह गड़बड़ी तब सामने आई जब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के ऑडिटिंग और समन्वय में शामिल निगम अधिकारी पी चंद्रशेखरन ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी. अपने छह पन्नों के सुसाइड नोट में उन्होंने धोखाधड़ी और इसमें शामिल लोगों के बारे में विस्तार से बताया था.
कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और करीब 14 करोड़ रुपये जब्त किए हैं.
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि निगम को इन लेन-देन की कोई सूचना एसएमएस या पंजीकृत ईमेल आईडी के माध्यम से नहीं मिली.
सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर और बेंगलुरु ईस्ट के रीजनल हेड की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया, जिसमें कहा गया कि 89.63 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि की धोखाधड़ी की गई और 5 करोड़ रुपये की वसूली की गई और 84.63 करोड़ रुपये की वसूली अभी बाकी है.
जांच में पता चला है कि जिन 15 खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया, उनमें से नौ खाते 31 मार्च को हैदराबाद के आरबीएल बैंक में खोले गए थे.
वहीं 52 वर्षीय बी. नागेंद्र चार बार के विधायक हैं, जो जून में अपने इस्तीफे तक मौजूदा सिद्धारमैया सरकार में खेल और युवा सेवा और एसटी कल्याण मंत्री थे.
2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु के खिलाफ 29 हज़ार 300 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.