HomeAdivasi Dailyआदिवासियों के बीच काम करने वाले एनजीओ पर नियंत्रण जरूरी: SC-ST आयोग

आदिवासियों के बीच काम करने वाले एनजीओ पर नियंत्रण जरूरी: SC-ST आयोग

उन्होंने सरकारी फंड से आदिवासी इलाकों में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों की गतिविधियों की व्यापक जांच की मांग की है.

केरल राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग (Kerala State Commission for Scheduled Castes and Scheduled Tribes) ने सरकार से राज्य में आदिवासियों के बीच काम कर रहे संगठनों, खासतौर से गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के कामकाज को नियंत्रित करने को कहा है.

आयोग के सदस्य एस. अजयकुमार ने रविवार को पालक्काड ज़िले के ओट्टापलम में कहा कि अगर आदिवासी इलाकों में हो रहे शोषण को रोकना है, तो पहले गैर सरकारी संगठनों पर निगरानी तेज करनी होगी.

उन्होंने सरकारी फंड से आदिवासी इलाकों में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों की गतिविधियों की व्यापक जांच की मांग की है.

अजयकुमार ने आरोप लगाया कि कई एनजीओ भोले भाले आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी करते हैं. उन्होंने द हिंदू अखबार को बताया कि आयोग राज्य और केंद्र सरकार दोनों से एनजीओ की जांच का अनुरोध करेगा.

आयोग ने अट्टपाड़ी के आदिवासियों के बीच काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन हाई रेंज डेवलपमेंट सोसाइटी (HRDS) के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

अजयकुमार ने कहा कि मामला कुछ आदिवासियों की शिकायतों के आधार पर दर्ज किया गया है.

HRDS पिछले हफ्ते भी खबरों में था, जब उसने सोने की तस्करी के मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश को एक निदेशक के रूप में संगठन में शामिल किया था. स्वप्ना सुरेश की नियुक्ति ने एनजीओ के कामकाज पर शंका पैदा कर दी.

अजयकुमार ने बताया कि HRDS के खिलाफ आदिवासियों द्वारा की गई शिकायतों में सबसे बड़ी यह है कि एनजीओ ने जो घर बनाए हैं वो रहने लायक नहीं हैं. इसके अलावा HRDS पर ज़मीन हड़पने का भी आरोप है.

आयोग ने जमीन हड़पने के आरोप में जिला कलेक्टर मृण्मई जोशी से रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा उन्होंने यह भी साफ किया है कि HRDS के खिलाफ कार्रवाई का स्वप्ना सुरेश की नियुक्ति से कोई लेना-देना नहीं है.

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