छत्तीसगढ़ सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कुल 66 एमबीबीएस छात्रों को डॉक्टरों के पदों पर नियुक्त किया है. इन सभी डॉक्टरों को खासतौर पर बस्तर और सरगुजा के आदिवासी बहुल जिलों के स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया गया है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 66 डॉक्टरों के नाम दो साल की कॉन्ट्रैक्ट नियुक्ति का आदेश जारी किया है. इन नए डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा गया है.ड्यूटी ज्वाइन करने के 15 दिनों के अंदर उन्हें संबंधित जिले के मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र जमा करना होगा.
माओवादी प्रभावित आदिवासी इलाकों में तैनात डॉक्टरों को हर महीने 55,000 रुपये तनख्वाह दी जाएगी. गैर-माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में उनकी सैलरी 45,000 रुपये प्रति माह है.
नियुक्ति आदेश के अनुसार डॉक्टरों को अपने नियुक्ति स्थान पर ही रहना होगा.यह नियुक्ति एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद दो साल के अनिवार्य सेवा बॉन्ड के तहत की गई है.
मेडिकल की पढ़ाई करने वाले सभी छात्रों को यह सेवा अवधि अनिवार्य रूप से पूरी करनी होती है.
अगर ये डॉक्टर अपनी ड्यूटी के लिए रिपोर्ट नहीं करते हैं, या ज्वाइन करने के बाद दो साल का कार्यकाल पूरा नहीं करते हैं, तो उनसे बॉन्ड राशि की वसूली की जाएगी.
इसके अलावा मेडिकल काउंसिल के साथ उनका पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है.