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मणिपुर: असम राइफल्स ने ‘कुकी उग्रवादियों की मदद’ करने के आरोप में इस नेता को भेजा नोटिस

असम राइफल्स का कहना है कि थौनाओजम के बयानों ने सुरक्षा बल को हतोत्साहित किया है. नोटिस में उन्होंने कहा कि थौनाओजम ने जो बयान दिया है उसने जनता की नज़र में संगठन की प्रतिष्ठा और स्थिति को काफी नुकसान पहुंचाया है.

अर्धसैनिक बल असम राइफल्स (Assam Rifles) ने मणिपुर (Manipur) के एक राजनेता को उस टिप्पणी पर कानूनी नोटिस भेजा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सुरक्षा बलों के सदस्य आगजनी के कृत्यों में कुकी उग्रवादियों की सहायता कर रहे थे.

असम राइफल्स ने मणिपुर संघर्ष (Manipur conflict) में सुरक्षा बल के खिलाफ “अपमानजनक आरोप” लगाने और उसे राज्य से हटाने की मांग करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI-Athawale) के नेता महेश्वर थौनाओजम (Maheshwar Thounaojam) को कानूनी नोटिस जारी किया है.

18 अगस्त को जारी नोटिस में असम राइफल्स ने 30 जून को दिल्ली में आयोजित एक शोक सभा के दौरान आरपीआई (ए) के राष्ट्रीय सचिव थौनाओजम द्वारा दिए गए बयानों का हवाला दिया है.

उन्होंने जिन बयानों को चिह्नित किया है उनमें शामिल हैं, “(मणिपुर) ग्रामीणों ने यह भी बताया कि असम राइफल्स कुकी उग्रवादियों की मदद कर रही है… इसका मतलब है कि असम राइफल्स को मणिपुर से तुरंत हटाया जाना चाहिए… क्या हिंसा में असम राइफल्स की प्रमुख भूमिका है यह दो महीने से चल रहा है?”

असम राइफल्स का कहना है कि थौनाओजम के बयानों ने सुरक्षा बल को हतोत्साहित किया है. नोटिस में उन्होंने कहा कि थौनाओजम ने जो बयान दिया है उसने जनता की नज़र में संगठन की प्रतिष्ठा और स्थिति को काफी नुकसान पहुंचाया है.

अधिवक्ता नितिन खेड़ा के माध्यम से जारी नोटिस में थौनाओजम से औपचारिक, लिखित माफी की मांग की गई है.

इसमें यह भी मांग की गई है कि कानूनी नोटिस प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर प्रमुख मीडिया आउटलेट्स के माध्यम से सार्वजनिक माफी जारी की जाए. साथ ही सुनिश्चित किया जाए कि इसे मूल अपमानजनक टिप्पणियों के समान दृश्यता प्राप्त हो, ऐसा न करने पर कानूनी कार्यवाही की धमकी दी जाएगी.

इसके अलावा नोटिस में कानूनी नोटिस की लागत को कवर करने के लिए 5,100 रुपये के भुगतान की भी मांग की गई है.

वहीं थौनाओजम ने नोटिस को “अलोकतांत्रिक” बताया.

उन्होंने कहा, “मैं जिस इनपुट का उल्लेख कर रहा था वह ‘ग्रामीणों द्वारा रिपोर्ट की गई’ थी. असम राइफल्स की भूमिका के लिए यह एक सवाल था जो मैं पूछ रहा था, कोई बयान नहीं दे रहा था. मैंने जो बयान दिया था वह मेरी राजनीतिक क्षमता में नहीं था बल्कि एक मणिपुरी के रूप में था. हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं और किसी व्यक्ति को इस तरह कानूनी नोटिस भेजना गलत है. मैं आवाज बनने के लिए दिल्ली गया था.”

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