HomeAdivasi Dailyमणिपुर: इंफाल में पुलिस के लाठीचार्ज में तीस आदिवासी छात्र घायल

मणिपुर: इंफाल में पुलिस के लाठीचार्ज में तीस आदिवासी छात्र घायल

आदिवासी छात्र संघ के सामाजिक और सांस्कृतिक सचिव, निंगज़ान जाजो ने कहा कि हम 'हमारे नेताओं को रिहा करो' जैसे नारे लगाने के लिए बैनर के साथ हैं लेकिन उन्होंने पहले ही आंसू गैस के गोले छोड़े और कई छात्र घायल हो गए हैं. मैं सरकार से अपील करना चाहता हूं कि जब तक वे गिरफ्तार नेताओं को रिहा नहीं करते और न्याय नहीं करते, हम अपने आंदोलन से कभी पीछे नहीं हटेंगे.

मणिपुर के इंफाल में आज सुबह कम से कम 30 आदिवासी छात्र घायल हो गए. ये छात्र तब घायल हुए जब पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज करके शांतिपूर्ण रैली के लिए इंफाल पश्चिम के चिंगमीरोंग में एकत्रित छात्र को तितर-बितर करने की कोशिश की.

दरअसल मणिपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच आदिवासी छात्र नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग को लेकर इंफाल के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले सैकड़ों आदिवासी छात्र माओ-इम्फाल मार्केट शेड में सुबह करीब साढ़े 10 बजे एकत्र हुए.

झड़प उस समय हो गई जब पुलिस ने शांतिपूर्ण विरोध शुरू करने से पहले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की. बाद में छात्र प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर विधानसभा की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया.

इसके अलावा एमबीसी मेमोरियल ग्राउंड के पास छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच एक और झड़प हुई जहां उन्होंने एक-दूसरे पर पथराव किया.

ईस्टमोजो से बात करते हुए, डीएम कॉलेज ऑफ आर्ट्स के आदिवासी छात्र संघ के सामाजिक और सांस्कृतिक सचिव, निंगज़ान जाजो ने कहा, “हम शारीरिक चुनौती के लिए सरकार या किसी अन्य पुलिस को कभी आमंत्रित नहीं करते हैं. हम यहां एक शांतिपूर्ण रैली के लिए हैं लेकिन उन्होंने (पुलिस) हमें हिंसक होने के लिए मजबूर किया. हम ‘हमारे नेताओं को रिहा करो’ जैसे नारे लगाने के लिए बैनर के साथ हैं लेकिन उन्होंने पहले ही आंसू गैस के गोले छोड़े और कई छात्र घायल हो गए हैं. मैं सरकार से अपील करना चाहता हूं कि जब तक वे गिरफ्तार नेताओं को रिहा नहीं करते और न्याय नहीं करते, हम अपने आंदोलन से कभी पीछे नहीं हटेंगे.”

जाजो ने यह भी आरोप लगाया कि जब भी राज्य में आदिवासी मुद्दे उठते हैं तो राज्य सरकार हमेशा नेताओं को गिरफ्तार करके उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश करती है.

जाजो ने कहा, “भारत लोकतंत्र की भूमि है जहां हम में से प्रत्येक को अपने विचार और अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का समान अधिकार है. लेकिन जरा सोचिए, कल सीएसओ (CSOs) के सैकड़ों से अधिक लोग इकट्ठा हुए और क्षेत्र में सीआरपीसी 1973 की धारा 144 लागू होने के बावजूद ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (All Tribal Students’ Union Manipur) कार्यालय को बंद कर दिया.”

हाथापाई में शामिल दो छात्रों को भी पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया. मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने छात्रों की गिरफ्तारी के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

दरअसल इंफाल पश्चिम पुलिस ने राज्य के पहाड़ी ज़िलों में आर्थिक नाकेबंदी की साजिश रचने के आरोप में अध्यक्ष और महासचिव सहित एटीएसयूएम के पांच नेताओं को मंगलवार को 6 अगस्त तक चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.

शुक्रवार को छात्रों की मांग के खिलाफ, आदिवासी मामलों और पहाड़ी विभाग के मंत्री लेतपाओ हाओकिप (Letpao Haokip) ने 12वीं मणिपुर विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद (छठा संशोधन) विधेयक 2022 (Manipur (Hill Areas) District Council (sixth amendment) Bill 2022) पारित किया. जबकि मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद (सातवां संशोधन) विधेयक 2022 (Manipur (Hill Areas) District Council (seventh amendment) Bill 2022) को आगे की चर्चा के लिए एचएसी को भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि कुछ तकनीकी त्रुटि है और इसके लिए आगे की जांच की आवश्यकता है.

(Image Credit: EastMojo)

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