ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले के एमवी-72 प्राथमिक नोडल स्कूल की दो नाबालिग छात्राओं की मौत का मामला अब गंभीर होता जा रहा है. 11 दिन बीतने के बावजूद पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है.
इस देरी से नाराज़ जनजातीय नेताओं ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है.
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस मामले में दोषियों को सजा नहीं दी गई तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
मंदिरा सोड़ी और ज्योति हलदार नाम की दो छात्राएं, 6 फरवरी को स्कूल से घर नहीं लौटीं थीं. दोनों के परिवार वालों ने पहले उन्हें ढूंढने की कोशिश की लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला तो अगले दिन एमवी-79 पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
दो दिन बाद 8 फरवरी को गांव के लोगों ने दोनों लड़कियों के शव बिलीगुड़ा पहाड़ियों के पास जंगल में आम के पेड़ से लटके देखे. इन दोनों छात्राओं की उम्र 12 वर्ष थी और ये सातवीं कक्षा में पढ़ती थीं.
बिलिगुडा पहाड़ियों के पास का ये जंगल मोटू पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है. पुलिस ने बताया कि लड़कियां आम के पेड़ से दुपट्टे से लटकी हुई पाई गईं.
शव मिलने के बाद मोटू पुलिस ने मामला दर्ज किया और मलकानगिरी के सब डिविज़नल पुलिस ऑफिसर (एसडीपीओ) सचिन पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया.
(एसडीपीओ) सचिन पटेल ने बताया कि जिस दिन लड़कियां लापता हुईं उस दिन स्कूल के एक शिक्षक ने उन्हें देर से आने और अनुशासनहीनता के लिए डांटा था.
इसके बाद लड़कियों को बताया गया था कि उनके माता-पिता को इस बारे में सूचित किया जाएगा. इस घटना के बाद ही वे लापता हो गईं.
पुलिस ने उस समय कहा था कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. यह भी जानकारी मिली थी कि कोरापुट से वैज्ञानिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की है.
परिवारों का आरोप – हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश
मंदिरा सोड़ी के पिता बगा सोड़ी का कहना है कि उनकी बेटी और ज्योति की हत्या कर उनके शव को आत्महत्या का रूप देने के लिए पेड़ से लटकाया गया. उन्होंने पुलिस से तुरंत कार्रवाई की मांग की.
ज्योति हलदार के परिवार ने भी यही आशंका जताई है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है.
जांच की मौजूदा स्थिति
पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. शिक्षकों, छात्रों और उन लोगों से पूछताछ की जा रही है, जो घटना से पहले लड़कियों के संपर्क में थे.
मंदिरा के पास से एक मोबाइल फोन मिला है जिसके कॉल डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं.
अतिरिक्त एसपी तपन नारायण रथ ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के स्पष्ट कारणों का जिक्र नहीं है इसलिए जांच को आगे बढ़ाने के लिए विसरा नमूने को रासायनिक परीक्षण के लिए भेजा गया है.
उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक किसी भी तरह की गड़बड़ी का पता नहीं चला है. उन्होंने परोक्ष रूप से यह कहा कि अब तक उन्हें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला जिससे यह कहा जा सके कि हत्या को आत्महत्या दिखाने की कोशिश की जा रही है.
राजनीतिक दबाव और विरोध की चेतावनी
मंगलवार को मलकानगिरी के विधायक नरसिंह मदकामी और भाजपा के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार परिडा ने मृतक लड़कियों के परिवारों से मुलाकात की और न्याय का आश्वासन दिया.
जनजातीय नेताओं ने कहा है कि अगर पुलिस जल्द किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और दोषियों को गिरफ्तार नहीं करती तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
अब इस मामले में मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है.