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ओडिशा : धर्मांतरण के आरोप में आदिवासी महिलाओं को पेड़ से बांधकर पीटा गया

ओडिशा के बालासोर जिले में पुलिस ने शुक्रवार को दो क्रॉस-एफआईआर दर्ज कीं, जिसमें एक वीडियो में कथित तौर पर लोगों के एक समूह को दो आदिवासी महिलाओं को एक खंभे से बांधते हुए और उन पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए दिखाया गया.

26 दिसंबर का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में दो महिलाएं पेड़ से बंधी हुई दिखाई दे रही हैं और उनके चारों तरफ भीड़ इकट्ठा है. भीड़ उनसे धार्मिक नारे लगवा रही है.

यह मामला ओडिशा के बालासोर जिले का है. जहां पुलिस ने शुक्रवार को दो क्रॉस-एफआईआर दर्ज की हैं.

वीडियो क्लिप को ओडिशा कांग्रेस के नेता अमिया पांडव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. जिसमें कथित तौर पर एक व्यक्ति को दिखाया गया था, जिसकी पहचान अभी नहीं की गई है, जो महिलाओं पर आदिवासियों का जबरन धर्म परिवर्तन करने का आरोप लगा रहा था.

बालासोर जिले के नीलगिरी क्षेत्र के बादल कुमार पांडा की शिकायत के आधार दोनों महिलाओं पर ओडिशा के फ़्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट,1967 की धारा 4 और 299  (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किसी धर्म का अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वहीं पुलिस ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 और बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत 10-15 लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.

पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बादल कुमार पांडा ने दावा किया है कि महिलाएं छनखानपुर गांव में एक व्यक्ति को उसके घर में धमकाकर जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रही थीं.

जबकि एक अलग पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि महिलाओं पर अत्याचार किया गया, उन्हें पेड़ से बांधकर प्रताड़ित किया गया. कांग्रेस नेता अमिय पांडव ने घटना की निंदा की और कहा कि भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं.

क्या है पूरा मामला?

पेड़ से बंधी दोनों महिलाओं के वीडियो में भीड़ का दावा है कि ये महिलाएं धर्मांतरण का जश्न मनाने के लिए केक लाई थीं. भीड़ से घिरीं दोनों महिलाओं के ठीक पीछे ईसा मसीह की फोटो है. आरोप हैं कि भीड़ ने इन दोनों महिलाओं को बेरहमी से पीटा.

इन महिलाओं के ऊपर गांव के एक व्यक्ति का जबरन धर्मांतरण करने का आरोप लगाया गया है.

वीडियो में पेड़ से बंधी महिलाओं के साथ साथ सफेद शर्ट पहने एक शख्स भी दिखाई दे रहा है. वो कह रहा है, “वो हिंदू धर्म और संस्कृति को नष्ट करने के लिए जिम्मेदार हैं.”

माथे पर टीका लगाए व्यक्ति बाद में “भारत माता की जय” और “जय श्री राम” के नारे लगाता है. वहीं महिलाएं असहाय होकर उसे देखती रहती हैं.

इसके बाद महिलाओं को “जय श्री राम” बोलने और ये कहने के लिए मजबूर किया जाता है कि अब वो धर्म परिवर्तन नहीं कराएंगी. इसके बाद वहां एक औरत आती है और उन दोनों में से एक औरत को मारती है.

पुलिस ने क्या किया?

एक दूसरे वीडियो में पुलिस दोनों औरतों को पेड़ से खोल रही है. बालासोर पुलिस के एसपी राज प्रसाद ने बताया है कि मामले में दो FIR दर्ज की गई हैं.

एक FIR, भारतीय न्याय संहिता के तहत ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में दोनों महिलाओं समेत उस शख्स के खिलाफ दर्ज़ कराई गई है, जिसका कथित तौर पर धर्म परिवर्तन करना था.

दूसरी FIR भीड़ के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) एक्ट, 1989 के तहत दर्ज़ हुई है.

इस तरह से इस मामले में कुल सात लोग पुलिस की हिरासत में हैं. पुलिस के अनुसार, मामले की जांच अभी जारी है.

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