छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल को एक आदिवासी महिला से बलात्कार के केस में आरोप मुक्त कर दिया है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल को बड़ी राहत मिली है.
पलाश चंदेल के वकील हरि अग्रवाल ने बताया कि हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडेय की एकल पीठ ने पलाश को एक आदिवासी महिला से बलात्कार करने, गर्भपात कराने और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत लगे आरोपों से मुक्त कर दिया है.
कोर्ट ने पुलिस की एफआईआर को खारिज करते हुए आरोपी पलाश को निर्दोष घोषित किया है.
इसके साथ ही उन्होंने मामले को खारिज करते हुए कहा की एक 27 साल का अविवाहित युवक कैसे एक 37 साल की शादीशुदा आदिवासी महिला अध्यापिका को झांसे में ले सकता है.
अधिवक्ता ने बताया कि हाई कोर्ट ने चंदेल के खिलाफ मारपीट की धारा-323 के संबंध में निचली अदालत को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. अग्रवाल ने बताया कि पलाश चंदेल के खिलाफ एक आदिवासी महिला ने इस वर्ष जनवरी माह में बलात्कार का आरोप लगाया था. उसकी शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी.
दरअसल, मामले की सुनवाई के समय आरोपी पलाश चंदेल के वकील हरि अग्रवाल ने हाई कोर्ट से आरोपी को अग्रिम जमानत और सारे आरोपों को बरी करने की मांग की थी. इसके साथ ही मामले को खारिज़ करने की मांग कि थी और साथ ही कहा कि एफआईआर झूठी है.
इसके अलावा यह तर्क दिया था कि आरोपी पलाश को पता था की पीड़ित अध्यापिका विवाहित है तो वह शादीशुदा महिला को झांसे में कैसे ले सकता है.
उन्होंने हाई कोर्ट को बताया की महिला अपनी सहमति से ही तीन साल से पलाश की दोस्त है और इस दौरान जो भी हुआ. इसमें महिला की पूरी सहमति भी थी.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोई पढ़ी-लिखी और समझदार 37 वर्षीय महिला को एक 27 वर्षीय युवक झांसा कैसे दे सकता है और पीड़ित महिला का कहना है कि उसकी मर्जी के बिना गर्भपात कराया गया है, जो की संभव नहीं है.
क्या है पूरा मामला
जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली पीड़ित अध्यापिका है. उनका कहना है की 2018 में आरोपी नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल के साथ उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी और पलाश ने उस से शादी का वादा करके लंबे समय तक उसके साथ शारीरिक शोषण किया.
जिसके बाद 2021 में वह गर्भवती हो गई थी. लेकिन आरोपी पलाश ने धोखे से उसके खाने में गर्भपात की दवा मिलाकर खिला दी थी.
इसके अलावा पीड़ित महिला ने आरोपी पलाश पर मारपीट और अपने पिता के रुतबे का रौब दिखाकर डराने और धमकाने का आरोप लगा था. इसके साथ ही महिला को सरकारी नौकरी से निकालने कि धमकी भी देता था.
जिसके बाद इन सब बातों से परेशान होकर पीड़ित महिला ने रायपुर में अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग और महिला थाने में शिकायत दर्ज की थी.