छत्तीसगढ़ के कोहका में एक आदिवासी युवक की हत्या के बाद परिवार भूख-हड़ताल पर है. साथ ही परिवार सरकार से आर्थिक सहायता की मांग कर रहा है. विश्व हिंदू परिषद और कुछ आदिवासी समाज के लोग परिवार के समर्थन में साथ दे रहे हैं.
दरअसल, मृतक के परिजन सोमवार से ही धरने पर बैठे हैं. चार दिनों से इनका भूख- हड़ताल जारी है. आपको बता दे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इनको मदद में 51 हजार रुपये दिए हैं. लेकिन मुआवजा में परिवार सरकार से 50 लाख और सरकारी नौकरी की मांग कर रहा है.
क्या है मामला
शनिवार देर रात कोहका में सचिन चौधरी नाम का एक युवक फोन पर किसी लड़की से बात कर रहा था. वहीं पास के घर के युगल किशोर नाम का शख्स बाहर आया और फोन पर बात कर रहे सचिन चौधरी को बात करने से मना करने लगा. इस बीच दोनों के बीच विवाद बढ़ गया और हाथापाई होने लगी.
तभी युगल किशोर के बड़े भाई चंद्रशेखर बाहर आकर दोनों को समझाने लगें. लेकिन सचिन चौधरी ने घटनास्थल पर अपने बड़े भाई गोविंद चौधरी को बुलाता है. जो की मौके पर आकर युगल के बड़े भाई चंद्रशेखर पर मोटा लाठी से हमला कर देता है. इस हमले में चंद्रशेखर की घटनास्थल पर ही मौत हो जाती है.
हत्या के बाद परिजनो ने थाना में एफआईआर (FIR) दर्ज कराया. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.वहीं मृतक की पत्नी का आरोप है की मेरे पति को 10 लोगों ने मिलकर मारा है. लेकिन अब तक पुलिस ने 2 आरोपियों को ही पकड़ा है और सभी गुनहगार को फांसी की सजा मिलनी चाहिए.जब तक मुझे इंसाफ नहीं मिलेगा तब तक थाना के बाहर के बाहर बैठी रहूंगी.
विश्व हिंदू परिषद ने सरकार पर लगाया आरोप
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष राजीव चौधरी ने बताया की बीते कुछ वर्षो में शहर में देर रात तक दुकानें खुली रहती है और जगह-जगह पर लड़कों का झुंड रहता है. वे खुलेआम नशाखोरी और आम जनता को डराते रहते है.खुर्सीपार में तो मलकीत सिंह के परिवार को मुआवजे और संविदा नौकरी की घोषणा मुख्यमंत्री ने कर दी.
लेकिन कोहका में आदिवासी समाज के मृतक के परिवार की शासन ने कोई सुध नहीं ली.परिवार ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है.