राजस्थान सरकार ने हाल ही में बजट से पूर्व एक बैठक के दौरान जनजातीय समुदाय के विकास से जुड़ी कई घोषणाओं को एक बार फिर दोहराया है और उस पर काम करने के संबंध में पुष्टि की है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आदिवासी समुदाय के सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को राज्य की प्राथमिकता बताया.
ये घोषणाएं पहले भी की जा चुकी थीं लेकिन अब उन्हें बजट के दौरान कार्यान्वयन में लाने का वादा किया गया है.
शिक्षा को मिलेगा नया स्वरूप
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि जनजातीय बच्चों की शिक्षा को मजबूत करने के लिए 250 नए ‘मां-बाड़ी’ केंद्र खोले जाएंगे. इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य ऐसे आदिवासी बच्चों को शिक्षा देना है जो दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं और नियमित स्कूलों में नहीं जा सकते. इन केंद्रों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन में 10% की वृद्धि की जाएगी जिससे उनकी भूमिका को और सशक्त किया जा सके.
साथ ही सात नए आश्रम छात्रावास और तीन आवासीय विद्यालयों के लिए भूमि आवंटित की जा चुकी है. ज्यादा से ज्यादा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल सके इसलिए चार एकलव्य मॉडल स्कूलों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी.
आदिवासी नायकों की स्मृति को बनाए रखना
राज्य सरकार आदिवासी नायकों की विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रयासरत है.
उदयपुर में काली बाई भील, बांसवाड़ा में बांसिया चारपोटा, और डूंगरपुर में डूंगर-बरांडा जैसे महान आदिवासी नेताओं की स्मृति में स्मारक बनाए जा रहे हैं.
इन स्मारकों से युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूक किया जाएगा.
छात्रवृत्ति और खेलों को बढ़ावा
बैठक में यह भी तय किया गया कि जनजातीय छात्रों की छात्रवृत्ति राशि 2,500 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह कर दी जाएगी. वहीं राज्य के खिलाड़ियों को अब 2,600 रुपये की बजाय 4,000 रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने यह भी गर्व व्यक्त किया कि राजस्थान की लड़कियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए लैक्रोस जैसे खेल में रजत पदक जीता है.
आगामी बजट में जनजातीय विकास को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदाय के सशक्तिकरण के लिए किए गए इन वादों को आगामी 2025-26 के बजट में प्राथमिकता दी जाएगी.
बजट में ऐसी योजनाओं का प्रावधान किया जाएगा जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय को विशेष लाभ मिल सके.
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जनजातीय क्षेत्रों का विकास राज्य और राष्ट्र की प्रगति के लिए बेहद ज़रूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘एकात्म मानववाद’ सिद्धांत पर काम करते हुए इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करेगी.