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उच्च शिक्षा में अनुसूचित जनजाति का नामांकन करीब 50 प्रतिशत बढ़ा: शिक्षा मंत्रालय

भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकित छात्रों में 14.2 प्रतिशत अनुसूचित जाति के हैं, 5.8 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के हैं और 35.8 प्रतिशत ओबीसी से हैं.

देश में पहली बार उच्च शिक्षा में 4 करोड़ से अधिक छात्रों ने दाखिला लिया. अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (All India Survey on Higher Education) की जारी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020-21 में 4.14 करोड़ छात्रों ने उच्च शिक्षा में प्रवेश लिया. जो एक साल पहले की तुलना में 7.5 प्रतिशत अधिक और 2014-15 की तुलना में 21 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.

वहीं उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति (Scheduled Caste), अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) और अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Class) के छात्रों का समग्र नामांकन प्रतिशत 2014-15 से 2020-21 तक उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है. जिसमें अनुसूचित जनजाति के  छात्रों ने लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

शिक्षा मंत्रालय ने रविवार को अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) 2020-21 जारी किया. मंत्रालय इस प्रकार से उच्च शिक्षा का अखिल भारतीय सर्वेक्षण 2011 से करा रहा है जिसके दायरे में देश के उच्च शिक्षण संस्थान आते हैं.

भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में नामांकित छात्रों में 14.2 प्रतिशत अनुसूचित जाति के हैं, 5.8 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के हैं और 35.8 प्रतिशत ओबीसी से हैं.

रिपोर्ट कहा गया है कि 2014-15 से 2020-21 तक अनुसूचित जाति के छात्रों का नामांकन 27.98 प्रतिशत बढ़ा है. अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों का नामांकन साल 2014-15 के 46.06 लाख था. जो बढ़कर साल 2019-20 में 56.57 लाख और साल 2020-21 में 58.95 लाख दर्ज किया गया.

वहीं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का नामांकन साल 2014-15 के 16.41 लाख से बढ़कर 2020-21 में 24.1 लाख छात्रों तक पहुंच गया है, जिसमें 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

उच्च शिक्षा के स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का नामांकन वर्ष 2019-20 के 1.42 करोड़ से बढ़कर 2021-21 में 1.48 करोड़ दर्ज किया गया.

संस्थानवार नामांकन की बात करें तो सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश में निजी संस्थानों की बड़ी हिस्सेदारी के बावजूद अधिकांश नामांकन सरकारी संस्थानों में है.

सर्वेक्षण के मुताबिक, सरकारी विश्वविद्यालय जो कुल विश्वविद्यालयों का 59.1 प्रतिशत हैं, छात्रों के कुल नामांकन में 73.1 प्रतिशत का योगदान करते हैं. जबकि निजी विश्वविद्यालय, जो कुल उच्च शिक्षा संस्थानों का 40 प्रतिशत हैं, कुल नामांकन का सिर्फ 26.3 प्रतिशत है.

रिपोर्ट के मुताबिक, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा में दाखिला वर्ष 2020-21 में 45.71 लाख दर्ज किया गया जिसमें महिलाओं की संख्या 20.9 लाख थी और इसमें वर्ष 2019-20 की तुलना में 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

इसमें कहा गया कि छात्रों के प्रवेश की संख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान शीर्ष छह राज्यों में आते हैं.

एआईएसएचई 2020-21 के मुताबिक, कुल दाखिलों में 79.06 प्रतिशत छात्रों ने स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में नामांकन कराया जबकि 11.5 प्रतिशत ने स्नातकतोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम में नामांकन कराया.

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