संसद के बजट सत्र की शुरुआत पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन के दौरान देश की प्रगति, आदिवासी समुदाय की भागीदारी और विकास पर अपने विचार साझा किए. लेकिन उनके भाषण की गहराई को समझे बिना कांग्रेस नेता ने उनके इस भाषण पर एक ऐसी टिप्णणी कर दी है कि भाषण के बजाय उस टिप्णणी पर चर्चा शुरु हो गई है.
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की टिप्पणी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए और इसे लेकर राजनीतिक विवाद तेज़ हो गया है.
सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन को लेकर कथित तौर पर “पूअर थिंग” शब्द का प्रयोग किया. यह टिप्पणी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं को नागवार गुज़री है.
हालांकि कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी के बयान को स्पष्टीकरण देते हए, इसे उचित ठहराने की कोशिश की है. लेकिन भाजपा के नेताओं का कहना है कि आदिवासियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने इसे न केवल राष्ट्रपति पद की गरिमा का अपमान बताया, बल्कि इसे आदिवासी समुदाय के खिलाफ भी माना.
राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने बजट अभिभाषण में देश की आर्थिक प्रगति और सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. यह अभिभाषण उनकी आदिवासी पृष्ठभूमि से जुड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि को भी दर्शाता है, क्योंकि वह भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं. लेकिन कांग्रेस नेताओं ने उनके भाषण को “उबाऊ” करार दिया.
सोनिया गांधी का कथित बयान
जब सोनिया गांधी से राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा “अंत में वह (राष्ट्रपति) काफी थकी हुई लग रही थीं… वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थीं.” इसके अलावा उन्होंने “पूअर थिंग” शब्द का उपयोग किया था.
इस बयान को भाजपा ने राष्ट्रपति और आदिवासी समुदाय का अपमान करार दिया. हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि इसे संदर्भ से हटकर पेश किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए कहा, “यह केवल राष्ट्रपति का अपमान नहीं है, बल्कि 10 करोड़ आदिवासी भाइयों और बहनों का भी अपमान है.” उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह उनकी आदिवासी-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और अन्य नेताओं ने भी इस बयान की कड़ी आलोचना की. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और धर्मेंद्र प्रधान ने इसे “राष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला” बताया.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस को ये बर्दाश्त नहीं है कि समाज के पिछड़े वर्ग के लोग देश की सबसे बड़े पद पर पहुंच रहे हैं.
भाजपा ने सोनिया गांधी से माफी की मांग की है.
कांग्रेस का बचाव और सफाई
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी की टिप्पणी को गलत तरीके से पेश किया गया है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सोनिया गांधी का इरादा राष्ट्रपति का अपमान करना नहीं था.
उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी राष्ट्रपति का सम्मान करती हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.”
राष्ट्रपति भवन का बयान
इस विवाद पर राष्ट्रपति भवन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा, “राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर की गई अपमानजनक टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं. यह राष्ट्रपति पद की गरिमा और आदिवासी समुदाय का अपमान है.”
यह विवाद सिर्फ बयानबाजी का मुद्दा नहीं है. यह आदिवासी समुदाय के साथ न्याय और उनके सम्मान की गारंटी से जुड़ा सवाल है.