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दक्षिण दिनाजपुर : दंडवत परिक्रमा को लेकर आदिवासी संगठन ने किया बंद का आह्वान

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि भले ही तृणमूल ने क्षति को नियंत्रित करने की कोशिश की है लेकिन आदिवासी समुदाय के भीतर असंतोष बना हुआ है. दक्षिण दिनाजपुर में आदिवासी कुल आबादी का लगभग 17 प्रतिशत हैं.

पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में चार आदिवासी महिलाओं को तृणमूल कांग्रेस में फिर से शामिल होने के लिए “दांडी” के प्रायश्चित अनुष्ठान कराए जाने के विरोध में आदिवासी सेंगेल अभियान ने 12 घंटे की राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.

आदिवासी सेंगेल अभियान के दो नेता शुक्रवार को बालुरघाट जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और सोमवार को बंद के आह्वान की लिखित सूचना अधिकारियों को दी.

आदिवासी संगठन के उत्तर बंगाल क्षेत्र के उपाध्यक्ष विभूति टुडू ने कहा, “अब तक पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन प्रदीप्ता चक्रवर्ती के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिन्होंने इन महिलाओं को अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया. हमें संदेह है कि पुलिस उसे बचा रही है. उनकी तत्काल गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाने के लिए हड़ताल का आह्वान किया गया है.”

दरअसल, पिछले हफ्ते प्रदीप्ता चक्रवर्ती, जो दक्षिण दिनाजपुर में टीएमसी की महिला शाखा की जिलाध्यक्ष थीं ने चार आदिवासी महिलाओं से तृणमूल को छोड़कर भाजपा में शामिल होने के चलते अनुष्ठान करवाया. फिर अनुष्ठान के बाद उसने उन्हें तृणमूल में फिर से शामिल कर लिया.

हालांकि, इस मामले के बाहर आने के बाद टीएमसी ने प्रदीप्ता को उनके पद से हटा दिया और एक आदिवासी चेहरे स्नेहलता हेम्ब्रम को लाया गया. लेकिन प्रदीप्ता अभी भी तृणमूल द्वारा संचालित बालुरघाट नगरपालिका की उपाध्यक्ष हैं.

आदिवासी सेंगेल अभियान के उत्तर बंगाल क्षेत्र के अध्यक्ष मोहन हंसदा ने कहा, “यह आदिवासी समुदाय का घोर अपमान है. जब तक पुलिस इस मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर लेती तब तक हम झुकने को तैयार नहीं है. अगर कोई कदम नहीं उठाया गया तो हम बंद के बाद तेज़ आंदोलन करेंगे.”

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि भले ही तृणमूल ने क्षति को नियंत्रित करने की कोशिश की है लेकिन आदिवासी समुदाय के भीतर असंतोष बना हुआ है. दक्षिण दिनाजपुर में आदिवासी कुल आबादी का लगभग 17 प्रतिशत हैं.

वहीं राज्य भाजपा प्रमुख और बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार ने घटना के बारे में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को एक पत्र भेजा था. जिसके बाद आयोग ने डीजीपी को 12 अप्रैल को तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा. अब मजूमदार ने आयोग को एक और पत्र भेजकर प्रदीप्ता की गिरफ्तारी की मांग की है.

भाजपा नेता ने अपने पत्र में कहा कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा, “हमने बताया है कि वह अभी भी फरार है. उसकी सुरक्षा के लिए दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आयोग को तत्काल कदम उठाना चाहिए.”

पुलिस ने घटना में कथित संलिप्तता के आरोप में गुरुवार को तृणमूल के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.

जिला तृणमूल नेताओं को जब हड़ताल के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि वे इसका विरोध करेंगे. तृणमूल के जिला अध्यक्ष मृणाल सरकार ने कहा, “हमने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने और पहल करने का अनुरोध किया है कि हमारे जिले और पूरे राज्य में जीवन सामान्य बना रहे. हम हड़ताल का समर्थन नहीं करते हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है.”

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