HomeAdivasi Dailyउदयपुर: आदिवासी अनाथ बच्चों के लिए खास योजना, कितना होगा फायदा

उदयपुर: आदिवासी अनाथ बच्चों के लिए खास योजना, कितना होगा फायदा

अनाथ बच्चों की पहचान का काम एक फरवरी से ग्राम पंचायत स्तर पर किया जा रहा है.

उदयपुर के कलेक्टर ताराचंद मीणा ने सोमवार को अधिकारियों से आदिवासी इलाकों में अनाथ बच्चों की पहचान करने का निर्देश दिया है. ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता पर सरकारी लाभ दिया जाएगा. अनाथ बच्चों की पहचान का काम एक फरवरी से ग्राम पंचायत स्तर पर किया जा रहा है.

मीणा ने रविवार को दूर-दराज के इलाकों का दौरा करने के बाद आदिवासी अनाथों की मदद करने की पहल की. कोटरा क्षेत्र आदिवासी बहुल है और कई वजहों से सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित है.

मीणा ने कहा, “इस क्षेत्र के लोगों और विशेष रूप से अनाथों को बेहतरी को प्राथमिकता दी जाएगी.”

अपने दौरे में उन्होंने 44 अनाथों की पहचान की, जिनके पास कोई सुविधा नहीं थी और अधिकारियों को उनकी जरूरतों को पूरा करने के निर्देश दिए.

कार्य योजना बच्चों के भविष्य की शिक्षा, रोजगार प्रशिक्षण और रोजगार देने, अनाथ बच्चों को कोचिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने, और रोजगार मेलों के आयोजन पर केंद्रित होगी.

योजना को चलाने के लिए अलग-अलग विभागों, डोनेटर और गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जाएगी.

कलेक्टर ने बच्चों के परिवारों को अपने खर्चे पर राशन भी उपलब्ध कराया. आदिवासियों की समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रभावी प्रयास सुनिश्चित करने के लिए वह मंगलवार को फिर से कोटरा क्षेत्र का दौरा करेंगे.

इन सब पहलों का कितना फायदा इन आदिवासियों को होगा, यह तो समय ही बताएगा.

(तस्वीर प्रतीकात्मक है.)

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