तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार पद्म श्री सकीनाम रामचंद्रैया को ज़मीन, घर के निर्माण और दूसरे खर्चों के लिए 1 करोड़ रुपये देगी.
रामचंद्रैया को आदिवासी लोककथाओं, कंचुमेलम-कंचुतालम, को संरक्षित करने के उनके जीवनभर के लंबे प्रयास के लिए गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
रामचंद्रैया, पिनापका के विधायक आर कांता राव के साथ, प्रगति भवन में सीएम से मिले. केसीआर ने कांता राव को घर के निर्माण के लिए रामचंद्रैया के साथ समन्वय करने के लिए कहा.
सीएम ने यह भी घोषणा की कि पद्म श्री कनकराजू को भी एक प्लॉट और 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. कनकराजू को पिछले साल पुरस्कार मिला था.
कौन हैं सकीनाम रामचंद्रैया?
भद्राद्री-कोठागुडेम जिले के मनुगुरु मंडल के कुनावरम गांव के कोया आदिवासी, 62 साल के सकीनाम रामचंद्रैया ने पिछले 40 सालों से अपने समुदाय की लोककथाओं को जिंदा रखा है.
मेदारम और दूसरी कोया जात्राओं की बदौलत कंचुमेलम-कंचुतालम अभी भी कोया आदिवासियों के बीच जीवित है, और रामचंद्रैया इसके विशेषज्ञ हैं.
रामचंद्रैया सात दिनों तक चलने वाले सत्रों में संगीत और सहज शब्दों के माध्यम से कोया देवताओं की कहानियां और कोया आदिवासियों के इतिहास का वर्णन कर सकते हैं.