HomeAdivasi Dailyमिज़ोरम के आदिवासी पुरुषों में हृदय रोग का ख़तरा अधिक : स्टडी

मिज़ोरम के आदिवासी पुरुषों में हृदय रोग का ख़तरा अधिक : स्टडी

रिपोर्ट में मिज़ोरम की आदिवासी आबादी में डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लडप्रेशर और डिस्लिपिडेमिया में चिंताजनक वृद्धि की ओर भी इशारा किया गया है और ये सभी हृदय संबंधी रोगों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि मिज़ोरम की आदिवासी आबादी, जो पहले अपनी सक्रिय जीवनशैली के कारण हृदय संबंधित बीमारियों से काफी हद तक प्रतिरक्षित यानि इम्यून मानी जाती थी, अब हृदय संबंधी समस्याओं के बढ़ते जोखिम का सामना कर रही है.

इस सर्वे में असम और मिज़ोरम के आदिवासी गांवों के कुल 1,812 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसका नेतृत्व भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने किया. इस स्टडी को दोनों राज्यों के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है.

अध्ययन ने इन आबादी के बीच कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम का आकलन करने के लिए सोशियो-डेमोग्राफ़िक और बायोकेमिकल विशेषताओं की जांच की.

10 साल के कार्डियोवैस्कुलर रिस्क विश्लेषण के दौरान, यह देखा गया कि मिज़ोरम के आदिवासी पुरुष जो अधिक वजन वाले और 35 वर्ष से अधिक उम्र के थे, उनमें असम की आदिवासी आबादी की तुलना में हृदय रोग विकसित होने की संभावना अधिक थी.

हाई सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर (SBP), डायस्टोलिक ब्लडप्रेशर (DBP) और हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) के निम्न स्तर वाले मिज़ोरम के आदिवासी लोगों में अगले दस वर्षों में हृदय संबंधी रोगों का अधिक जोखिम पाया गया.

स्टडी में दोनों राज्यों के बीच जीवनशैली की आदतों में अंतर पर भी प्रकाश डाला गया है. उदाहरण के लिए, मिज़ोरम के आदिवासियों में धूम्रपान की आदत काफी अधिक पाई गई, जहां 24.5 प्रतिशत आबादी इस आदत में लिप्त है. जबकि असम के 22.6 प्रतिशत से अधिक आदिवासी शराब पीते हैं.

इसके अलावा, बॉडी मास इंडेक्स (BMI) विश्लेषण से पता चला कि मिज़ोरम की 55.9 प्रतिशत आदिवासी आबादी मोटापे से ग्रस्त है, जबकि असम में यह 21.9 प्रतिशत है.

शोधकर्ताओं ने पाया कि असम के आदिवासी समुदाय मुख्य रूप से कृषि में अपनी भागीदारी के कारण शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहते हैं. यही वजह उन्हें मिज़ोरम के आदिवासी पुरुषों की तुलना में कम सी.वी.डी. जोखिम में योगदान दे सकता है.

रिपोर्ट में मिज़ोरम की आदिवासी आबादी में डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लडप्रेशर और डिस्लिपिडेमिया में चिंताजनक वृद्धि की ओर भी इशारा किया गया है और ये सभी हृदय संबंधी रोगों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

एक प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, सिंपल ब्लड टेस्ट हृदय रोगों के विकास के बारे में आसानी बता सकता है.

लिपिड प्रोफाइल, हीमोग्लोबिन A1c, C-रिएक्टिव प्रोटीन, सीरम क्रिएटिनिन और एमिनो-टर्मिनल प्रो-ब्रेन नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड की नियमित जांच आपके हृदय के स्वास्थ्य के बारे में जरूरी जानकारी देते हैं.

ये टेस्ट हृदय संबंधी स्थितियों का समय पर निदान और उपचार की सुविधा प्रदान करते हैं.

इसके अलावा रेगुलर कुछ आसान एक्सरसाइज आपके हृदय को स्वस्थ बनाता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन महत्वपूर्ण लाभों के लिए हफ्ते में 150 मिनट एक्सरसाइज करने का सुझाव देता है. एक्सरसाइज ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है, अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और ब्लडप्रेशर को कम करता है.

हालांकि, बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि से हृदय तनाव और अतालता हो सकती है.

वहीं ऐसे में किसी भी तरह के खानपान को शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है.

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