मणिपुर में जातीय तनाव के बीच थाडो इनपुई (Thadou Inpi) संगठन ने अपने समुदाय के लोगों से कुकी जनमत संग्रह में हिस्सा न लेने की अपील की है. संस्था ने इसे अवैध और असंवैधानिक बताया है.
कुकी समुदाय इस जनमत संग्रह के ज़रिए यह तय करना चाहता है कि वे मणिपुर में अलग प्रशासन चाहते हैं या नहीं. लेकिन थाडो इनपुई मणिपुर ने कहा कि यह भारत के संविधान के खिलाफ है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है.
संस्था ने अपने बयान में कहा, “भारत में बिना संसद की मंजूरी के किसी भी जनमत संग्रह की अनुमति नहीं है. यह पूरी तरह अवैध है.”
जनमत संग्रह से दूरी बनाने की अपील
थाडो इनपुई मणिपुर ने अपने समुदाय के लोगों को कुकी जनमत संग्रह से दूर रहने को कहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस अभियान में शामिल होना कानूनी और सामाजिक परेशानियां खड़ी कर सकता है.
संस्था ने कहा, “कई लोग जानकारी के अभाव में या दबाव में इस तरह के अभियानों में शामिल हो सकते हैं. इसलिए सतर्क रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें.”
थाडो समुदाय की अलग पहचान
मणिपुर के जनजातीय संगठन थाडो इनपुई ने यह भी स्पष्ट किया कि थाडो एक स्वतंत्र जनजाति है. उन्होंने कहा, “हम कुकी समुदाय का हिस्सा नहीं हैं और न ही उनके अधीन हैं. हमारी अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान है.”
संस्था ने आरोप लगाया कि कुकी वर्चस्ववादी समूह छोटी जनजातियों पर दबाव बना रहे हैं ताकि वे उनके साथ खड़े हों.
शांति और एकता पर जोर
हाल ही में थाडो इनपुई मणिपुर और मैतेई एलायंस के बीच एक बैठक हुई. दोनों पक्षों ने मणिपुर में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की.
संयुक्त बयान में कहा गया, “मणिपुर की विविधता इसकी असली ताकत है. हमें सभी समुदायों के बीच विश्वास और भाईचारा बनाए रखना चाहिए.”
सरकार से कार्रवाई की मांग
थाडो इनपुई मणिपुर ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि वे कुकी जनमत संग्रह को रोकने के लिए कानूनी कदम उठाएं.
इसके साथ ही उन्होंने कुकी जनजातियों की अनियमित सूचीकरण की समीक्षा करने और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को अपडेट करने की भी मांग की है.
संस्था ने कहा, “हमें लगता है कि कुछ समुदायों को गलत तरीके से एसटी सूची में शामिल किया गया है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.”
थाडो इनपुई मणिपुर ने अपने समुदाय को कानूनी दायरे में रहने और शांति बनाए रखने की सलाह दी है. उनका मानना है कि किसी भी प्रकार की विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करना मणिपुर के लिए हानिकारक हो सकता है.
(PTI File image)