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हम मणिपुर में सामान्य स्थिति और समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं: वित्त मंत्री

राज्यसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति और समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वित्त मंत्री ने उच्च सदन में यह बात मणिपुर के बजट और उससे संबंधित अनुदान की अनुपूरक मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कही.

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पूर्वोत्तर राज्य में कुल मिलाकर कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है.

वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते सोमवार को 2025-26 के लिए मणिपुर का बजट पेश किया था, जिसमें 35,103.90 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान किया गया है, जो चालू वित्त वर्ष के 32,656.81 करोड़ रुपये से अधिक है.

सीतारमण ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य सरकार, दोनों के सामूहिक प्रयास से कुछ छिटपुट (घटनाओं) को छोड़कर, राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है.”

वित्त मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि मणिपुर को तेज आर्थिक विकास के लिए हरसंभव वित्तीय सहायता दी जाएगी. हम मणिपुर में सामान्य स्थिति और समृद्धि लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर गए थे और वहां उन्होंने कई राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों की समस्याओं को पूरी गंभीरता के साथ सुना.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मणिपुर का दौरा नहीं किए जाने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि पूर्व में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव और आई के गुजराल के शासनकाल में भी मणिपुर में अशांति की स्थिति बनी थी किंतु उस समय के प्रधानमंत्री एक बार भी वहां नहीं गए थे.

तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब मणिपुर के बारे में लोकसभा में बोल रहे थे तब विपक्ष ने उन्हें बोलने नहीं दिया और वे लगातार टोकाटाकी और हंगामा कर रहे थे. लेकिन प्रधानमंत्री ने दृढ़ता से अपनी बात रखी.

उन्होंने विपक्ष से अनुरोध किया कि ‘‘मणिपुर एक संवेदनशील मुद्दा है, हम सभी को एक-दूसरे का समर्थन करना होगा.”

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने मणिपुर सहित देश के सभी राज्यों के प्रति पूरी संवेदनशीलता दिखायी है.

चुराचांदपुर में तनाव

मणिपुर के चुराचांदपुर जिला मुख्यालय शहर में हमार जनजाति के नेता पर अज्ञात बदमाशों द्वारा हमला किए जाने के एक दिन बाद सोमवार को तनाव बढ़ गया, क्योंकि स्थानीय लोगों ने अपराधियों की पहचान की मांग की.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एहतियाती उपाय के तौर पर अतिरिक्त जिलाधिकारी ने बीएनएसएस 2023 की धारा 163 के तहत पूरे जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी.

आदेश में कहा गया है, ‘पुलिस अधीक्षक, चुराचांदपुर से रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जो जिले में कानून और व्यवस्था के उल्लंघन की गंभीर आशंका को दर्शाती है. जिससे विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सौहार्द भंग होने की संभावना है और जान-माल को नुकसान हो सकता है.’

कानून और व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए आदेश में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के अनधिकृत जुलूस या गैरकानूनी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारी शहर में बंद लागू करने का प्रयास कर रहे हैं, दुकानों को तुरंत बंद करने का आग्रह कर रहे हैं.

शांति समझौते के बाद बंद हटाया गया

हालांकि, जिले में हमार और ज़ोमी लोगों के बीच झड़प और उसके बाद कर्फ्यू लगाए जाने के बाद दोनों समुदायों के संगठनों ने बंद हटाने पर सहमति जताई है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

न्यूज एजेंसी पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया कि संबंधित जनजातियों के शीर्ष संगठन हमार इनपुई और ज़ोमी परिषद ने भी जिले में शांति बहाल करने के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया है.

हिंसा के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई संयुक्त बैठक में ये निर्णय लिए गए.

एक अधिकारी ने बताया, ‘हमार इनपुई और ज़ोमी परिषद ने संयुक्त रूप से बंद हटाने और चुराचांदपुर जिले में सामान्य जीवन को बाधित करने वाली सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने पर सहमति जताई है.’

दोनों संगठनों ने आने वाले दिनों में लोगों की शांति और सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमति व्यक्त की.

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