झारखंड के रांची में निर्माणाधीन सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. केंद्रीय सरना स्थल के पास बनने वाले रैंप के खिलाफ सोमवार को संयुक्त आदिवासी संगठन से जुड़े लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
सिरमटोली फ्लाईओवर परियोजना को लेकर विवाद सोमवार को और बढ़ गया, जब सैकड़ों आदिवासी प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण के विरोध में अल्बर्ट एक्का चौक पर इकट्ठा हुए. उन्होंने 22 मार्च को रांची बंद का आह्वान भी किया.
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने राज्य के सभी 28 आदिवासी विधायकों सहित रांची के सांसद और स्थानीय विधायक की शवयात्रा निकाली.
यह शहर के विभिन्न इलाकों से होती हुई परमवीर अलबर्ट एक्का चौक पहुंची. यहां प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही चौराहे को करीब दो घंटे तक जाम रखा.
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि आदिवासी समुदाय के पवित्र स्थल सरना को बाधित होने से बचाने के लिए फ्लाईओवर के रैंप को आगे की ओर खिसकाया जाए.
प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि सरहुल महोत्सव, एक प्रमुख आदिवासी त्योहार है. जो 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है और इस स्थल पर कोई भी निर्माण धार्मिक अनुष्ठानों में बाधा उत्पन्न करेगा.
भारत आदिवासी पार्टी के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की.
उन्होंने कहा, “सरकार हमसे सलाह किए बिना इस परियोजना को आगे बढ़ा रही है. सरना स्थल केवल भूमि नहीं है, यह हमारी प्रार्थनाओं के लिए एक पवित्र स्थल है. हम दो महीने से विरोध कर रहे हैं फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.”
आदिवासी जन परिषद की अध्यक्ष कुंद्रेशी मुंडा ने इस मुद्दे पर आदिवासी नेताओं की चुप्पी की निंदा की.
उन्होंने कहा, “इन विधायकों ने अपना विवेक खो दिया है, यही वजह है कि हम आज उनका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार कर रहे हैं.”
पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने रविवार को सरना समुदाय को अपना समर्थन दिया. यह परियोजना 2.3 किलोमीटर लंबी बुनियादी ढांचा पहल है जिसमें एक एलिवेटेड रोड और एक केबल-स्टेड ब्रिज शामिल है और इसे 340 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.
यह सिरोमटोली चौक और मेकॉन चौक को जोड़ेगा. टिप्पणी के लिए आरसीडी के कार्यकारी अभियंता विनोद कच्छप से संपर्क करने के कई प्रयास किए गए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
रांची के विधायक सी पी सिंह ने सरना समुदाय को अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा, “मैं धार्मिक स्थल की रक्षा की उनकी मांग में सरना समिति के साथ खड़ा हूं.”