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रांची बंद को लागू करने के लिए आदिवासी संगठन सड़कों पर उतरे, प्रशासन अलर्ट पर

शुक्रवार शाम को कई आदिवासी संगठनों ने मशाल जुलूस निकालकर बंद के लिए लोगों से समर्थन मांगा. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया है.

झारखंड की राजधानी रांची में आज सुबह (22 मार्च, 2025) विभिन्न आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और पवित्र आदिवासी धार्मिक स्थल सरना स्थल के पास फ्लाईओवर के निर्माण के विरोध में 18 घंटे का बंद बुलाया.

प्रदर्शनकारियों को मुख्य रूप से रांची के बाहरी इलाकों में टायर जलाते और सड़कें अवरूद्ध करते देखा गया.

रांची में तिलता चौक के पास रांची-लोहरदगा मार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया और बंद कराने के लिए आंदोलनकारी शहर के कांके चौक और अन्य इलाकों में एकत्र हुए.

अन्य दिनों की तुलना में सुबह के समय रांची की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम रही.

प्रदर्शनकारी सिरम टोली में बनाए जा रहे रैंप को हटाने की मांग कर रहे हैं. उनका दावा है कि इससे धार्मिक स्थल तक पहुंचने में बाधा आ रही है और लगातार वाहनों की आवाजाही के कारण इसकी पवित्रता भंग हो सकती है.

इससे पहले शुक्रवार शाम को कई आदिवासी संगठनों ने मशाल जुलूस निकालकर बंद के लिए लोगों से समर्थन मांगा. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी चिंताओं को नजरअंदाज किया है.

उन्होंने कहा कि जब हजारों आदिवासी सबसे अहम आदिवासी त्योहार सरहुल के दौरान सिरम टोली सरना स्थल पर एकत्र होते हैं तो फ्लाईओवर रैंप के कारण स्थल तक पहुंच बाधित हो जाएगी.

बंद के आह्वान को देखते हुए रांची पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं.

वहीं प्रशासन ने आदिवासी संगठनों से बिना किसी को परेशानी पहुंचाए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने का आग्रह किया है.

प्रशासन ने चेतावनी दी है कि बंद के दौरान तोड़फोड़ और उपद्रव करने वाले लोगों से पुलिस सख्ती से निपटेगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

रांची प्रशासन ने एक बयान में कहा कि जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बंद या चक्का जाम का समर्थन करने वाले किसी भी शख्स को यातायात, गणमान्य व्यक्तियों, छात्रों, शैक्षणिक संस्थानों के सदस्यों या आम जनता के लिए कोई बाधा उत्पन्न नहीं करनी चाहिए.

2.34 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क का निर्माण, जिसमें रेलवे लाइन के ऊपर 132 मीटर का खंड शामिल है. इसका उद्देश्य सिरम टोली को मेकॉन से जोड़कर यातायात की आवाजाही को आसान बनाना है.

एक अधिकारी ने बताया कि 340 करोड़ रुपये की यह परियोजना अगस्त 2022 में शुरू की गई थी.

राजनेताओं की प्रतिक्रिया

झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक समीर मोहंती ने कल के बंद को विपक्षी बीजेपी की चाल बताया है.

उन्होंने कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार यहां के आदिवासियों और मूलवासियों के प्रति काफी संवेदनशील है. राजा का पूरा ध्यान लोगों की ओर है. राजा अगर अच्छा काम भी करते हैं तो चंद लोग उनका विरोध करते हैं.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 17 साल में जितना काम किया, उससे 10 गुना ज्यादा काम हमारी सरकार ने किया है. हम बार-बार कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि राज्य में मंईयां सम्मान योजना चले क्योंकि मंईयां सम्मान योजना की वजह से बीजेपी की राजनीति बंद हो गई है.

कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने रांची बंद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पुल भी अबुआ है और सरना भी अबुआ है. इस गतिरोध को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं संज्ञान लिया है कि कैसे इस गतिरोध को समाप्त किया जा सकता है, बातचीत चल रही है. सामाजिक संगठन से बातचीत चल रही है और सरकार भी बात कर रही है.

वहीं भाजपा विधायक अमित यादव ने कहा कि सिरमटोली फ्लाईओवर का मामला पहले भी विधानसभा में आया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से पहल कर समाधान निकालने का आग्रह किया.

(Image credit : PTI)

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