तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले में स्थित करमड़ाई वन क्षेत्र में 23 वर्षीय आदिवासी युवक आर. संजीत की गोली लगने से मौत हो गई थी.
इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है.
गिरफ़्तार किए गए लोगों की पहचान 35 वर्षीय प्रवीण उर्फ मुरुगेसन और 50 वर्षीय पप्पैयन उर्फ कालिसामी हैं.
दोनों आरोपी मृतक संजीत के जानने वाले थे और उनके साथ शनिवार रात शिकार पर गए थे.
कैसे हुआ यह हादसा
शनिवार शाम को आरक्षित जंगल के पास स्थित सोरंडी आदिवासी बस्ती में तीनों ने साथ बैठकर शराब पी.
देर रात वे एक बंदूक लेकर जंगल में शिकार के इरादे से निकल गए.
पुलिस जांच में सामने आया है कि जंगल में जाने के बाद या तो किसी जानवर पर निशाना लगाते समय गलती से या फ़िर आपसी कहासुनी के दौरान पप्पैयन ने गोली चला दी.
संजीत को छाती और पेट में गोलियां लगी जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
सुबह किया परिवार को फोन
रविवार सुबह करीब 8:30 बजे प्रवीण ने संजीत के परिजनों को फोन कर बताया कि उसे गोली लग गई है और वह नदी किनारे गिरा पड़ा है.
जब परिवार मौके पर पहुंचा तो संजीत मृत अवस्था में मिला और दोनों अन्य व्यक्ति वहां से गायब थे.
यह घटना भद्रावती नदी और पिल्लूर डैम के समीप एक जंगल क्षेत्र में हुई थी.
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
सूचना मिलते ही पिल्लूर डैम पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया और हत्या का मामला दर्ज किया.
दो टीमों का गठन कर आरोपियों की तलाश की गई.
सोमवार को प्रवीण को उसके घर से पकड़ा गया. गिरफ्तारी के समय प्रवीण नशे की हालत में था और बार-बार बयान बदल रहा था.
उसके बाद पप्पैयन को भी हिरासत में ले लिया गया.
दोनों को कोर्ट पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मौके से एक बंदूक भी बरामद की गई है.
वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
इस घटना के बाद वन विभाग ने आदिवासी बस्तियों में अवैध हथियारों की तलाशी तेज़ कर दी है.
अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल किसी बस्ती में छानबीन के दौरान कोई अवैध हथियार नहीं मिला है. लेकिन अगले कुछ हफ्तों में पुलिस की मदद से व्यापक तलाशी और जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
एक अधिकारी ने बताया, “हम जंगल के भीतर की 24 और बाहर की 3 आदिवासी बस्तियों में अभियान चलाएंगे. लोगों को दो हफ्ते का समय दिया जाएगा ताकि वे अगर उनके पास कोई हथियार है तो उसे पुलिस को सौंप सकें.”