झारखंड के साहिबगंज ज़िले के पतना ब्लॉक का पहाड़ और आस-पास की पूरी फ़िज़ा एक गुबार में में डूबी है गोया पहाड़ पर किसी ने एक सफ़ेद चादर डाल दी है.
मैदानी इलाकों के खेतों, पेड़ों और मकानों तक यह धूल की चादर फैली हुई है. यहां डंपर – ट्रक और अर्थ मूवर, ट्रैक्टर रात दिन काम में जुटे हैं.
इस पहाड़ के उपर एक कम से कम इतनी चौड़ी सड़क बनाई जा रही है जिस पर बड़ी गाड़ियों का यातायात आसानी से संभव होगा.
यह पहाड़ PVTG यानि आदिम जनजाति सौरिया पहाड़ियाओं के वजूद से जुड़ा है. यहां की निर्माण गतिविधियां ऐसा आभास देती हैं कि सरकार बड़ी तेज़ी से इस आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने और विकास यात्रा में शामिल कर रही है. लेकिन ऐसा है नहीं…तो सच्चाई क्या है? आप यह ग्राउंड रिपोर्ट देख कर अंदाजा लगा सकते हैं.