राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने ओडिशा के क्योंझर के जिला मजिस्ट्रेट-कम-कलेक्टर से जुआंग जनजाति (Juanga tribe) के कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है.
आयोग ने 28 फरवरी को आदेश पारित करते हुए चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है.
यह कदम मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील राधाकांत त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका के बाद उठाया गया है. जिसमें 114 गांवों में बुनियादी सुविधाओं के बिना रह रहे जुआंग जनजाति की दुर्दशा के बारे में बताया गया है.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के आदिवासी कल्याण विभाग और जिला प्रशासन की उदासीनता, लापरवाही और विफलता के कारण क्योंझर जिले के ग्रामीणों, विशेष रूप से जुआंग जनजाति को बारहमासी सड़कें, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा से वंचित रखा गया है, जिसके कारण कई मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
त्रिपाठी ने याचिका में दावा किया, “स्वास्थ्य सेवाएं अस्तित्व में ही नहीं हैं क्योंकि निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 15 किलोमीटर दूर है और ब्लॉक मुख्यालय करीब 40 किलोमीटर दूर है. वहीं कुछ आदिवासी ही राज्य प्रायोजित बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना या राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्ड के लाभार्थी हैं.”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कई गांवों में बुनियादी ढांचे का अभाव है, जिसके कारण निवासियों को मरीजों को ले जाने के लिए खाट का उपयोग करने को मजबूर होना पड़ता है.
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण जंतारी गांव में 35 वर्षीय सुनिया जुआंग, उनकी पत्नी रश्मि और उनकी छह महीने की बेटी नानी की मौत हो गई. दंपति के तीन बच्चे अब अनाथ हो गए हैं.
याचिका में कहा गया है, “जिले में रहने वाले जुआंग जनजाति के नाबालिग अनाथों या बाल विवाहों का कोई डेटाबेस नहीं है. इस मुद्दे पर कार्रवाई करने में राज्य अधिकारियों की लापरवाही और विफलता जुआंग जनजाति के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.”
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन के पास सबसे अधिक धनराशि होने के बावजूद राज्य प्राधिकारी ऐसी जरूरतों को पूरा करने में विफल रहे हैं.
कौन हैं जुआंग जनजाति?
जुआंग जनजाति विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) है. ऑस्ट्रोएशियाटिक जातीय समूह से ताल्लुक रखने वाली जुआंग जनजाति ओडिशा के 13 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों में से एक है.
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक ओडिशा में जुआंग समुदाय की जनसंख्या 47 हज़ार 95 है. इनमें से 26 हज़ार 707 लोग अकेले क्योंझर जिले में रहते है. समुदाय की आबादी का एक बड़ा हिस्सा क्योंझर जिले के बंसपाल, तेलकोई और हरिचंदनपुट ब्लॉक में बसा हुआ है.