आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के एक-एक विधायक को मंगलवार को घरों में नजरबंद कर दिया गया और उनके समर्थकों को उन दो आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने के लिए गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ की ओर जाने से रोक लिया गया जिनकी पिछले हफ्ते पिटाई के बाद मौत हो गई थी.
कार्रवाई को लेकर पुलिस ने कहा कि उसने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास केवड़िया में मृत आदिवासियों की प्रार्थना सभा के लिए अनुमति नहीं दी थी.
आप विधायक और आदिवासी नेता चैतार वसावा और कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने प्रार्थना सभा के लिए कावडिया जाने की योजना बनाई थी.
पुलिस ने कहा कि उन्होंने इसके लिए अनुमति नहीं दी है.
पुलिस अधीक्षक प्रशांत सुम्बे ने कहा कि वसावा को नर्मदा जिले में उनके पैतृक गांव बोगाज स्थित घर में नजरबंद रखा गया है.
नर्मदा पुलिस कंट्रोल रूम के एक अधिकारी ने बताया कि बोगाज में पांच अन्य लोगों को भी नजरबंद रखा गया है. इसके अलावा 58 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
नवसारी जिले के वंसदा से कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने भी अपने खिलाफ पुलिस की इसी तरह की कार्रवाई का दावा किया.
पटेल ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर एक पोस्ट में दावा किया है, ‘‘वंसदा के आदिवासी विधायक अनंत पटेल को केवडिया के आदिवासी युवाओं के लिए न्याय मांगने के लिए जाते समय रोक लिया गया, हिरासत में लिया गया और घर में नजरबंद कर दिया गया. हम हर अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और जीतेंगे.’’
इस पोस्ट में एक वीडियो भी साझा किया गया है जिसमें उनके आवास पर कुछ पुलिसकर्मियों को देखा जा सकता है.
दरअसल, छह श्रमिकों ने 6 अगस्त को नर्मदा जिले के केवडिया में सरदार पटेल की प्रतिमा के पास निर्माणाधीन ‘आदिवासी संग्रहालय’ स्थल पर चोरी के संदेह में दो आदिवासियों – जयेश तडवी और संजय तडवी की कथित तौर पर पिटाई कर दी थी.
पुलिस के अनुसार जयेश की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि गंभीर रूप से घायल संजय ने 8 अगस्त को राजपीपला के एक सरकार अस्पताल में आखिरी सांस ली.
पुलिस के एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था कि संजय तडवी के अंतिम क्षण में दिए गए बयान के मुताबिक वह और जयेश खेतिहर मजदूर थे और उन्होंने बेचने के लिए कुछ सामान चुराने के मकसद से निर्माण स्थल पर प्रवेश किया था. उन्हें पकड़ लिया गया और उनकी पिटाई की गई.
पुलिस ने बताया कि इसके बाद भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के तहत हत्या और अन्य अपराधों के सिलसिले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
केंद्र सरकार ने 2019 में स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के योगदान को याद करने के लिए ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए संग्रहालय बनाने को अपनी मंजूरी दी थी. यह वारदात इसी के निर्माण स्थल पर हुई.