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आंध्र प्रदेश: पहली आदिवासी महिला ज़िला परिषद अध्यक्ष ने ली शपथ, कहा एजेंसी इलाक़ों के विकास पर देंगी ज़ोर

जल्लपल्ली सुभद्रा ने जीत के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार को 1955 मतों से हराकर ZPTC की यह सीट जीती. वह 2005-06 वंजागी कांतम्मा के बाद अरकू इलाक़े से ZPTC के लिए चुनी जाने वाली सिर्फ़ दूसरी आदिवासी महिला हैं.

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम ज़िले की पहली आदिवासी ज़िला परिषद अध्यक्ष जल्लपल्ली सुभद्रा का काम स्पष्ट है. मुंचिंगपुट से ZPTC सीट जीतने वाली सुभद्रा किसी पीवीटीजी समुदाय की पहली आदिवासी महिला ज़िला परिषद अध्यक्ष हैं.

पर्यटन मंत्री एम श्रीनिवास राव ने MPTC और ZPTC चुनावों में वायएसआर कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने के लिए ज़िले के लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि चिने गए सदस्यों को जनता के मुद्दों पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए. इससे ज़िले के समग्र विकास में मदद मिलेगी.

जल्लपल्ली सुभद्रा ने जीत के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार को 1955 मतों से हराकर ZPTC की यह सीट जीती. वह 2005-06 वंजागी कांतम्मा के बाद अरकू इलाक़े से ZPTC के लिए चुनी जाने वाली सिर्फ़ दूसरी आदिवासी महिला हैं.  

सुभद्रा ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी. वो जानती हैं कि उनका कार्य स्पष्ट है, और वह आदिवासी इलाक़ों के विकास के लिए कड़ी मेहनत करने को तैयार हैं.

सुभद्रा ने ज़िला परिषद अध्यक्ष पद पर चुने जाने के बाद कहा, “आदिवासी इलाक़ों के कई गांवों में सड़क नहीं है, पीने के पानी की कमी है, और अस्पतालों में चिकित्सा कर्मचारियों की कमी है. मैं आदिवासियों के लिए बुनियादी सुविधाओं, स्कूलों के निर्माण और संचार नेटवर्क के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगी.”

देश के बाक़ि राज्यों की तरह ही आंध्र प्रदेश के आदिवासी इलाक़ों में भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. इसके अलावा वो जल, जंगल, ज़मीन से जुड़े कई मुद्दों से जूझ रहे हैं. राज्य में पोलावरम परियोजना से विस्थापित हुए कई आदिवासी अभी भी पुनर्वास और मुआवज़े के इंतज़ार में हैं.

ऐसे में जल्लापल्ली सुभद्रा का एक ज़िला परिषद का अध्यक्ष चुना जाना शायद हालात में कुछ बदलाव ला सकता है. उम्मीद है उनपर राजनीतिक दबाव ज़्यादा नहीं होगा, और उन्हें अपना काम करने की पूरी आज़ादी मिलेगी.

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